पटना : बिहार की राजनीति में इफ्तार का अपना खासा महत्व है. बिहार में इफ्तार की पार्टी कई बार राजनीतिक समीकरणों को बदल देती है. ऐसा कई बार हो भी चुका है. राबड़ी की इफ्तार पार्टी के बाद जदयू और राजद साथ आ गए थे. इस बार भी मौका बिहार में इफ्तार पार्टी का था और यह ऑग्रेनाइज कराया था सीएम नीतीश कुमार ने. उन्होंने बिहार के सभी दलों के नेताओं को इसमें आमंत्रित किया था. नीतीश की इस इफ्तार पार्टी के निमंत्रण के बाद से विरोध तेज हो गया था. एक तरफ AIMIM के असदुद्दीन ओवैसी नीतीश पर हमला बोलते हुए कह रहे थे कि उनको बिहारशरीफ में दंगा प्रभावित इलाके में जाने की फुर्सत नहीं है और वह इफ्तार में व्यस्त हैं. वहीं भाजपा पहले ही इस इफ्तार का विरोध कर चुकी है. ऐसे में नीतीश के आवास पर इफ्तार की पार्टी हुई और उसमें तेजस्वी यादव समेत कई नेता भी पहुंचे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


एक अणे मार्ग नीतीश के आवास पर जब शुक्रवार को इफ्तार की पार्टी हो रही थी तो महागठबंधन के कई दिग्गज नेता मौजूद थे लेकिन विपक्ष भाजपा की तरफ से कोई नहीं था. ऐसे में नीतीश कुमार ने इस इफ्तार पार्टी की तस्वीर जारी करते हुए लिखा कि 1 अणे मार्ग स्थित ‘नेक संवाद’ में पवित्र रमजान के अवसर पर रोजेदारों को दावत-ए-इफ्तार पर आमंत्रित किया. आमंत्रित अतिथियों के साथ सामूहिक दुआ में शामिल होकर राज्य की तरक्की, प्रगति, आपसी भाईचारे एवं मोहब्बत के लिए खुदा-ए-ताला से दुआएं की.



बिहार में इफ्तार की पार्टी किस तरह राजनीति का रंग बदलती है इसके बारे में जानेंगे तो हैरान रह जाएंगे. 2022 के इफ्तार में नीतीश शामिल हुए तो वहां NDA से सीधे महागठबंधन की सरकार बन गई. अभी हाल ही में नीतीश कुमार जिस मंच पर इफ्तार की दावत कबूल कर पहुंचे थे वहां पीछे लाल किले की तस्वीर ने भी खूब बखेड़ा खड़ा किया विपक्षी तो कहने लगे कि नीतीश पीएम बनने का सपना अभी भी आंखों में संभाले बैठे हैं. पिछले साल इसी समय जब जदयू ने इफ्तार की पार्टी दी तो इसमें तेजप्रताप और तेजस्वी शामिल हुए थे. उस समय उनकी अगवानी करने खुद सीएम पहुंचे थे और दोनों को शॉल ओढ़ाया था. इसके बाद बिहार में एक नई सरकार का गठन हो गया. इस बार जब नीतीश के निमंत्रण को भाजपा के नेताओं ने अस्वीकार करते हुए कहा कि बिहार जल रहा है और नीतीश इफ्तार पार्टी कर रहे हैं ऐसे में वह इसका बहिष्कार करते हैं तो नीतीश ने भी पलटवार करने में कसर नहीं छोड़ी. उन्होंने कहा कि भाजपा वाले क्या बोलते हैं पता ही नहीं चलता है. उन्होंने कहा कि यहां 2017 से इफ्तार पार्टी हो रही है. भाजपा साथ में थी तो भी इफ्तार पार्टी क्या नहीं होती थी? अलग होने के बाद ये लोग क्या-क्या बोलते रहते हैं. नीतीश की इफ्तार पार्टी में ललन सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी मौजूद थे.


ये भी पढ़ें- एक तरफ सरकार सख्त और दूसरी तरफ JDU विधायक का चचेरा भाई निकला शराब माफिया, इस तरह करता था अवैध कारोबार