पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एक सपना है जो उनके ड्रीम प्रोजेक्ट के माध्यम से पूरे देश में देखा जाएगा. इस प्रोजेक्ट का हिस्सा है गंगा उद्वह योजना, जिसके तहत पटना के मोकामा से गंगा का जल 151 किमी लंबाई में पाइप लाइन के माध्यम से निकाला जा रहा है. इस योजना के तहत बोधगया, राजगीर, नवादा आदि शहरों में गंगाजल की सप्लाई की जा रही है. यह एक अनोखी योजना है जिसमें एक नदी के जल को पेयजल के लिए पंप किया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट को देखकर नीतीश कुमार की सरकार दिखाएगी कि वह अपने निवासियों को नलों के माध्यम से गंगाजल पहुंचा रही है.


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इस प्रोजेक्ट की महत्वपूर्णता इतनी है कि इसे गणतंत्र दिवस परेड के दौरान पूरे देश के सामने प्रदर्शित किया जाएगा. यह परेड भविष्य के विकसित भारत की प्रतीक होगी और विभिन्न राज्यों की सरकारें अपने विकासात्मक कार्यों को दिखाएंगी. बिहार ने अपनी उपलब्धि को प्रदर्शित करने का निर्णय लिया है जिससे एक ओर लोगों को गंगाजल की सप्लाई मिल रही है और दूसरी ओर नदी जल का उपयोग बेहतर हो रहा है. दिल्ली में हुई बैठक में तय हुआ कि बिहार की झांकी में गंगाजल प्रदर्शित किया जाएगा. इससे साफ है कि नीतीश कुमार की सरकार इस प्रोजेक्ट को गर्व से प्रस्तुत करना चाहती है. इस योजना के माध्यम से गंगा का जल नालों के माध्यम से घरों में पहुंचा रहा है, जिससे लोगों को स्वच्छ पानी मिल रहा है.


गंगा उद्वह योजना के तहत करीब 151 किमी लंबाई में पाइप बिछाकर मोकामा से गंगा का पानी निकाला गया है. इससे बोधगया, राजगीर, नवादा जैसे शहरों में लोगों को स्वच्छ और सुरक्षित पानी की आपूर्ति हो रही है. इस योजना के माध्यम से गंगा को बेहतर तरीके से इस्तेमाल करने का प्रयास किया जा रहा है. गंगा उद्वह योजना के प्रमोशन के लिए बिहार सरकार ने गणतंत्र दिवस परेड में इसे प्रदर्शित करने का निर्णय लिया है. इस प्रदर्शन के माध्यम से बिहार की उपलब्धि को पूरे देश के सामने प्रस्तुत करने का उद्दीपन है. यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो बिहार को और भी विकसित और प्रगतिशील बनाने की दिशा में है.


समर्थन में डिफेंस रिसर्च और डेवलपमेंट आर्गेनाइजेशन में बैठकों का आयोजन किया गया है, जिसमें तय हुआ है कि बिहार की झांकी में गंगाजल प्रदर्शित किया जाएगा. इससे साफ है कि सरकार इस प्रोजेक्ट को सफलता से पूरा करने के लिए संपूर्ण प्रतिबद्ध है. गंगा उद्वह योजना के माध्यम से बिहार ने एक नई मील का पत्थर रखा है और इसे पूरे देश के सामने प्रस्तुत करके यह दिखा रहा है कि कैसे नदी का जल सबके लिए सुरक्षित और स्वच्छ पीने लायक बनाया जा सकता है.


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