Tomato Price Hiked: टमाटर की बढ़ती कीमतों ने ना सिर्फ किचन का बजट बिगाड़ रखा है, बल्कि सब्जी का स्वाद भी खराब कर रखा है. 30-35 रुपये में बिकने वाला टमाटर आज 250-280 रुपये किलो बिक रहा है. अब तो बहुत सी जगहों से टमाटर की चोरी खबरें सामने आने लगी हैं. टमाटर के बढ़ती लाली को देखकर कश्मीर के किसानों ने सेब की खेती छोड़कर टमाटर की खेती करनी शुरू कर दी है. उनका कहना है कि उन्हें आज सेब की खेती से टमाटर की खेती करने में ज्यादा फायदा हो रहा है. ऐसे हालातों में बहुत सारी महिलाएं अब सब्जी बनाने में टमाटर की जगह अन्य वस्तुओं का इस्तेमाल कर रही हैं. हालांकि, उनके मन में एक ही सवाल है कि आखिर टमाटर के दाम कहां पर जाकर रुकेंगे. 


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टमाटर क्यों महंगा हुआ और कब तक ऐसे ही सबकी जेब ढीली करता रहेगा, इस सारे सवाल का एक ही जवाब है मानसून. मानसून जाने के बाद ही टमाटर के दाम में कमी आने की संभावना है. दरअसल, मौसम की असामान्य बारिश के कारण पिछले 2 महीनों से देश भर में टमाटर की फसल प्रभावित हुई है, जिससे आपूर्ति पर भी असर पड़ा है. दिल्ली की आजादपुर मंडी में पिछले दो दिनों में टमाटर की आवक में भारी गिरावट आई है. कम आपूर्ति के कारण थोक में कीमतें तेजी से बढ़ी हैं, जिसके परिणामस्वरूप खुदरा कीमतों पर भी असर पड़ा है.


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आजादपुर मंडी में टमाटर का थोक भाव बुधवार को गुणवत्ता के आधार पर 170-220 रुपये प्रति किलो रहा. बता दें कि एशिया की सबसे बड़ी थोक फल और सब्जी मंडी में आजादपुर सब्जी मंडी शामिल है. जब यहां इतनी किल्लत है, तो बाकी मंडियों का क्या हाल होगा, ये आप खुद समझ सकते हैं. व्यापारियों का कहना है कि जब तक हिमाचल प्रदेश से टमाटर आना शुरू नहीं हो जाता है. तब तक इसकी कीमत इसी तरह रहेगा. उनका कहना है कि मैदानी इलाकों में बाढ़ ने फसलों को बर्बाद कर दिया, जिससे अब सिर्फ पहाड़ी इलाकों की सब्जियों का ही सहारा है. लेकिन पहाड़ी इलाकों में हो रही बारिश और भूस्खलन के कारण यातायात बाधित है. 


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इसका सीधा असर दिल्ली में टमाटर और अन्य सब्जियों की सप्लाई पर पड़ रहा है. व्यापारियों का कहना है कि हिमाचल से दिल्ली आने वाले रास्ते कई जगह काफी खराब हो चुके हैं, इसलिए वहां से आने वाली सब्जियां जैसे गोभी, शिमला, टमाटर सबके रेट बहुत ज्यादा बढ़े हुए हैं. उनका अनुमान, एक से दो महीने में टमाटर की कीमतें सामान्य हो जाएंगी.