पटना:Upendra Kushwaha: जदयू और सीएम नीतीश कुमार से बगावत करने के बाद अपनी नई पार्टी का गठन करने वाले उपेंद्र कुशवाहा ने आज बिहार विधान परिषद की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है. बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा ने पिछले दिनों अपनी नई पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल का गठन करने के साथ ही जदयू की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद उन्होंने आज बिहार विधान परिषद की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है. चूंकि उपेंद्र कुशवाहा को राज्यपाल ने मनोनीत किया था. इसलिए उन्होंने सभापति देवेश चंद्र ठाकुर को अपना इस्तीफा सौंपा.


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उपेन्द्र कुशवाहा ने दिया इस्तीफा


बता दें कि जिस तरह से उपेन्द्र कुशवाहा ने जदयू से बगावत करने बाद प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया. लेकिन यदि वो चाहते तो बिहार विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा नहीं भी दे सकते थे. क्योंकि राज्यपाल द्वारा मनोनीत विधान परिषद का सदस्य स्वतंत्र रूप से बिना किसी दल में ना रहते हुए भी अपने पद पर बना रह सकता है. जब तक की सदस्य का कार्यकाल समाप्त नहीं होता है. बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा ने मार्च 2021 में विधान परिषद की सदस्यता ली थी.


2027 तक था कार्यकाल


उपेंद्र कुशवाहा का कार्यकाल मार्च 2027 तक था. लेकिन जदयू के अंदर अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे उपेंद्र कुशवाहा ने आखिरकार पार्टी से इस्तीफा देने के साथ-साथ ये निर्णय लिया कि वो विधान परिषद की सदस्यता से भी इस्तीफा दे देंगे. ये निर्णय उन्होंने इसलिए लिया ताकि जदयू का उनके ऊपर कोई एहसान नहीं रह जाएगा. इसलिए उन्होंने 20 फरवरी को ही इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया था. लेकिन सभापति देवेश चंद्र ठाकुर उस वक्त बिहार में नहीं थे तो इस्तीफा के लिए आज का समय तय किया गया था.


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