Use of Salt: नमक खाने वाले हो जाएं सावधान! कहीं आप गलत Salt तो नहीं कर रहे हैं इस्तेमाल
हरदिन के खाने की बात हो और बिना नमक के खाने की कल्पना की जाए तो आप इसके लिए शायद हीं तैयार हो पाएं क्योंकि बिना नमक के खाने का स्वाद ही अधूरा है. नमक ज्यादा हो जाए तो खाने का स्वाद बिगड़ जाता है जबकि नमक कम हो जाए तो भी जायका बिगड़ जाता है.
Types of Salt: हरदिन के खाने की बात हो और बिना नमक के खाने की कल्पना की जाए तो आप इसके लिए शायद हीं तैयार हो पाएं क्योंकि बिना नमक के खाने का स्वाद ही अधूरा है. नमक ज्यादा हो जाए तो खाने का स्वाद बिगड़ जाता है जबकि नमक कम हो जाए तो भी जायका बिगड़ जाता है. नमक के संवन को लेकर भी चिकित्सक लगातार लोगों से सावधानी बरतने को कहते हैं. क्योंकि नमक का ज्यादा सेवन आपको बीमार और बीमार बना देता है. वैसे लोग सामान्यतः 4 प्रकार के नमक के बारे में जानते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि नमक 12 तरह के होते हैं.
ये बारह तरह के नमक टेबलेट साल्ट, ब्लैक साल्ट (काला नमक), हिमालियन पिंक साल्ट (सेंधा नमक), सी साल्ट (समुद्री नमक), कोशेर सॉल्ट, सेल्टिक सी सॉल्ट (सेल ग्रिस), फ्लिउर दे सेल(फ्लावर ऑफ सॉल्ट), फ्लेक सॉल्ट, ब्लैक हवाईयन सॉल्ट, रेड हवाईयन सॉल्ट, स्मोक्ड सॉल्ट, पिकलिंग सॉल्ट हैं.
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हालांकि इनमें से 4 तरह के नमक ही हैं जिनका सबसे ज्यादा भारत में लोग खाने में इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में सादा नमक, सेंधा नमक या रॉक सॉल्ट, समुद्री नमक और काला नमक में से कौन सा नमक हमारी सेहत के लिए बेहतर है यह जानना जरूरी है. वैसे तो आयोडिनयुक्त नमक का इस्तेमाल बेहतर बताया गया है. आपको बता दें कि आयोडिन युक्त नमक थायरायड, गलगंड से हमारी सुरक्षा करता है वहीं यह बच्चों के विकास में भी सहायक है.
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ऐसे में इन सभी नमकों के स्वाद में भी अंतर होता है. क्योंकि इन नमक को तैयार करने का तरीका अलग-अलग है. ऐसे में सादा या आयोडिन युक्त नमक जो हम किचन में इस्तेमाल करते हैं यह हमारे अंदर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. हालांकि इसका सीमित मात्रा में प्रयोग ही उचित है नहीं तो यह हड्डियों से जुड़ी बीमारी देने के साथ हाई बीपी के साथ कई और रोगों को पनपाता है.
रॉक सॉल्ट जिसे व्रत वाला नमक कहा जाता है इसको रिफाइनिंग प्रक्रिया से गुजरना नहीं पड़ता है. कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम सादे नमक से कहीं ज्यादा होता है. यह सेहत के लिहाज से बहुत बेहतरीन है और किडनी या हृदय संबंधी समस्याओं से लोगों को बचाता है.
वहीं काला नमक पाचन के लिए बेहतरीन है. इससे कब्ज, बदहजमी, पेट दर्द, चक्कर आना, उल्टी आना और जी घबराने समस्याएं नहीं होती हैं. हालांकि इसका अधिक इस्तेमाल भी सेहत को नुकसान पहुंचाता है.
वहीं लो-सोडियम सॉल्ट या पौटेशियम नमक मधुमेह और ब्लड प्रेशर की समस्या वाले लोग इस्तेमाल करते हैं. यह नमक इनके सेहत के लिए बेहतर माना गया है.