सदर अस्पताल में गरीबों को बांटी जाने वाली दवाइयां हो रही बर्बाद, विभागीय लापरवाही है मुख्य कारण
जिलाधिकारी के द्वारा शो कॉज विभाग को किए जाने के बाद भी दवाइयों का रखरखाव ठीक से नहीं हुआ. अस्पताल प्रशासन से सारे मामले को लेकर पूछताछ की गई, तो उन्होंने बताया कि सारे पीएचसी की दवाई यहीं पर रखी गई है और हमारे पास रखने की जगह कम पड़ रही है.
पटना : वैशाली स्थित सदर अस्पताल में प्रशासन की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. दरअसल, सरकार गरीबों के इलाज के लिए करोड़ों रुपये की दवाइयां खरीदती है, लेकिन इन दवाओं की बर्बादी कैसे होती है, यह देखना हो तो आप सदर अस्पताल में आकर देख सकते है. अस्पताल में दवाइयों के रखरखाव की कोई उचित व्यवस्था नहीं है. करोड़ों रुपये की दवाएं और मेडिकल उपकरण धूल फांक रहे है और कुच दवाएं तो खराब हो गई है.
भंडारण गृह में धूल फांक रही दवाएं
बता दें कि सदर अस्पताल के भंडार गृह में दवाएं और मेडिकल उपकरण धूल फांक रही है. अस्पताल प्रशासन के देख-रेख के अभाव में सभी दवाएं धूल फांक रही है. इनमें से कई दवाएं तो ऐसी है दो खराब हो गई है और बाकी की दवाएं भी खराब हो रही है, लेकिन उनका रखरखाव रखने के लिए कोई भी तैयार नहीं है. इधर अस्पताल में लोग को समय पर दवाएं नहीं मिलने से वो परेशान हो रहे है.
अस्पताल में तीन महीने से खराब हो रही दवाइयां
जिलाधिकारी के द्वारा शो कॉज विभाग को किए जाने के बाद भी दवाइयों का रखरखाव ठीक से नहीं हुआ. अस्पताल प्रशासन से सारे मामले को लेकर पूछताछ की गई, तो उन्होंने बताया कि सारे पीएचसी की दवाई यहीं पर रखी गई है और हमारे पास रखने की जगह कम पड़ रही है. सारे पीएसी अभी तक दवाई नहीं ले गए हैं. हम लोग उनको लगातार खबर कर रहे हैं आज भी हम लोगों ने उनको सूचना दिया है कि अपनी-अपनी दवाई यहां से आकर चले जाएं लेकिन उनके द्वारा अभी तक दवाइयां नहीं ले गई गई है. भंडारण गृह के स्टोरकीपर से जब बात किया गया तो उन्होंने बताया कि सारे पीएसी के दवाई जहां पर लाकर रखी हुई है 3 महीने से पड़ी हुई है लेकिन कोई ले नहीं जा रहा है और हमारे पास रखने की उचित व्यवस्था नहीं है कहां रखें.
जिलाधिकारी ने कर्मचारियों को जारी किया नोटिस
जिलाधिकारी जांच के दौरान अस्पताल पहुंचे और सारे अस्पताल के जांच करने के बाद दवाई के रखरखाव की हालात को देखकर कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया. साथ ही उनके जब तक रख रखाव की उचित व्यवस्था व अच्छे तरीके से रखरखाव नहीं की गई. अगले आदेश तक उन्हें किसी तरह का मानदेय नहीं दिया जाएगा.
इनपुट- विकास चौधरी