Vastu Shastra: वास्तु शास्त्र में घर से संबंधित सभी प्रकार की चीजों के बारे में बताया गया है. वहीं, वास्तु शास्त्र में भूत प्रेत जैसी नकारात्मक एनर्जी के बारे में भी बताया गया है. कहा जाता है घर का वास्तु अगर ठीक न हो तो नकारात्मक ऊर्जा का वास होने लगता है. घर में प्रवेश से पहले सभी लोग पूजा करवाते हैं. ताकि किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा का वास न हो पाए. हालांकि उसके बाद भी कई बार घर में वास्तु के मुताबिक चीजें नहीं होने से परेशानियां शुरू हो जाती है. आइये जानते हैं वास्तु के अनुसार घर में क्यों होने लगता है प्रेत आत्माओं का वास


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वास्तु में है दिशा का महत्व
वास्तु शास्त्र में हर दिशा का बहुत महत्व होता है. उसी के अनुसार घर की सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा बनती है. वास्तु शास्त्र में सूर्य ऊर्जा का महत्व माना गया है. जिसके कारण वास्तु में पूर्व दिशा सबसे शुभ मानी जाती है. वहीं, सूरज का अस्त पश्चिम दिशा में होता है इसलिए उस दिशा में सूर्य की ऊर्जा समाप्त होती हैं. वहीं पश्चिम दिशा में भगवान शनिदेव का वास होता है.  पूर्व दिशा में भगवान का वास होता है. इसी दिशा में मंदिर बनाना बहुत शुभ होता है. वहीं, दूसरी दिशा में नकारात्मक ऊर्जा का वास बताया गया है. पश्चिम दक्षिण दिशा में दैत्यों का वास बताया गया है. 


ये हैं मुख्य संकेत 
1.वास्तु के अनुसार किसी भी इलाके या फिर सड़क का जो आखिरी घर होता है और जहां पर जाते ही रास्ता समाप्त हो जाता है. उस घर में नकारात्मक शक्तियां वास करती हैं. इसके अलावा उसके आसपास के स्थान पर भी नकारात्मक शक्तियों का वास होता है. जिसके कारण घर और आस पास के लोगों के साथ दिक्कतें शुरू हो जाती है. 


2.वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में सूरज की किरणें आना बहुत अच्छा होता है. इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती हैं. वहीं, जिन घरों में सूरज की किरणें नहीं आती है और किरणों के पहुंचने में दिक्कत होती है. ऐसे घर में नकारात्मक शक्तियों का वास होता है. इसके अलावा उत्तर पश्चिम दिशा में हवाओं का आना जाना बंद हो, उत्तर पूर्व दिशा में पानी की जगह दूषित हो चुकी हो और आपके घर का मंदिर या फिर देव स्थान दूषित होने के कारण भी उस घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है. ऐसे घर में भूत प्रेत होते हैं. जिससे घर में दिक्कत शुरू हो जाती है. 


3.वहीं, वास्तु शास्त्र के अनुसार जिस घर में 50 दिनों तक सूरज की किरणें नहीं पहुंचती है और वहां की दीवारों में अक्सर सीलन बनी रहती है. ऐसे घरों में नकारात्मक ऊर्जा और शक्तियों का वास होता है. 


4.वास्तु शास्त्र के अनुसार कुछ लोग अपने पूर्वजों के स्थान पर घर बनवा लेते हैं. ऐसे स्थान पर नकारात्मक शक्तियों का वास होता है. 


5.वहीं, पीपल या फिर बरगद के पेड़ को काट कर जो लोग घर का निर्माण करते हैं, वास्तु के अनुसार उस स्थान पर भूत प्रेत का वास होता है. इसलिए ध्यान रखें कि इस प्रकार के स्थान पर घर न बनाए, नहीं तो आपके जीवन में और घर परिवार में नकारात्मक ऊर्जा का वास रहेगा. साथ ही कई परेशानियां झेलनी पड़ती है. 


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