Vastu Tips for House: वास्तु शास्त्र के अनुसार घर, दफ्तर या किसी भी भवन की उत्तर-पूर्व दिशा को ईशान कोण कहा जाता है. यह दिशा विशेष महत्व रखती है क्योंकि इसे भगवान शिव की दिशा माना जाता है और बृहस्पति इसका स्वामी है. ईशान कोण को चुंबकीय और सौर ऊर्जा का मिलन स्थल माना जाता है. इसलिए, इस दिशा में ध्यान देने से जीवन में सुख और समृद्धि में वृद्धि होती है.


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आचार्य मदन मोहन के अनुसार धार्मिक दृष्टि से ईशान कोण को देवताओं का निवास स्थल माना जाता है. इसलिए, घर या दफ्तर में पूजा स्थल को ईशान कोण में बनाना चाहिए. इस दिशा में पूजा और मंत्र जाप करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और जीवन में खुशहाली बनी रहती है. मां लक्ष्मी इस दिशा में वास करती हैं, इसलिए पूजा और धार्मिक गतिविधियों के लिए यह दिशा अत्यंत शुभ मानी जाती है. ईशान कोण की दिशा में कुछ खास चीजें नहीं रखनी चाहिए. सबसे पहली बात, इस दिशा में गंदगी नहीं रखनी चाहिए क्योंकि इससे घर की बरकत कम हो जाती है. हमेशा इस दिशा को साफ-सुथरा रखें.


साथ ही बता दें कि इस दिशा में टॉयलेट, सेप्टिक टैंक, पानी की टंकी, सीढ़ियां, स्टोर, रसोई आदि का निर्माण नहीं करना चाहिए. इन वस्तुओं के कारण मानसिक परेशानी बढ़ सकती है. ईशान कोण का तत्व जल है, इसलिए इसका ध्यान रखना जरूरी है. ईशान कोण की दिशा में कभी काले या नीले रंग की दीवारें नहीं रखनी चाहिए, क्योंकि इससे मानसिक संतुलन प्रभावित हो सकता है. इस दिशा में भारी चीजें रखने से भी बचना चाहिए, क्योंकि इससे वास्तु दोष उत्पन्न हो सकते हैं. इन सभी बातों का ध्यान रखकर आप अपने घर या दफ्तर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर सकते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि को बढ़ा सकते हैं.


Disclaimer: यहां दी गई जानकारी मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. जी बिहार झारखंड किसी भी जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी मान्यता को अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लेना आवश्यक है.


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