Vishwakarma Puja 2022: जानें कब है विश्वकर्मा पूजा और क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त
Vishwakarma Puja 2022: हिंदु धर्म में विश्वकर्मा पूजा का विशेष महत्व है. इस दिन सृष्टि के पहले हस्तशिल्पकार, वास्तुकार भगवान विश्वकर्मा की विशेष पूजा अर्चना की जाती है.
पटना: Vishwakarma Puja 2022: हिंदु धर्म में विश्वकर्मा पूजा का विशेष महत्व है. इस दिन सृष्टि के पहले हस्तशिल्पकार, वास्तुकार भगवान विश्वकर्मा की विशेष पूजा अर्चना की जाती है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन श्रद्धा पूर्वक भगवान विश्वकर्मा की पूजा (Vishwakarma Puja 2022) करने से व्यापार और नौकरी में तरक्की होती है. विश्वकर्मा पूजा के दिन लोग अपने संस्थान, फैक्ट्रियों में औजारों और मशीनों की पूजा करते हैं. मान्यता है कि देवताओं के अस्त्र (त्रिशूल, सुदर्शन चक्र आदि), भवन, स्वर्ग लोग, पुष्पक विमान का निर्माण भगवान विश्वकर्मा ने ही किया था. भगवान विश्वकर्मा को अस्त्र-शस्त्र बनाने वाले देवता के रूप में पूजा जाता है.
शनिवार को विश्वकर्मा पूजा
विश्वकर्मा पूजा के दिन लोग अपने घर में मौजूद औजारों को साफ-सुथरा करते हैं और उनकी पूजा करते है. कुछ जगहों पर तो भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति स्थापित करके धूमधाम से उनकी पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन (Vishwakarma Puja Date 2022) यदि व्यक्ति भगवान विश्वकर्मा के साथ-साथ भगवान विष्णु की भी पूजा करें, तो व्यक्ति को विशेष फल की प्राप्ति हो सकती हैं. इस दिन कई जगहों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं. पूरे देश में 17 सितंबर को मनाया जाता है. इस बार 17 सितंबर शनिवार को है. यदि आप विश्वकर्मा पूजा का के लिए (vishwakarma Puja kab hai) शुभ मुहूर्त जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को जरूर पढ़ें.
विश्वकर्मा पूजा 2022 शुभ मुहूर्त (Vishwakarma Puja 2022 shubh muhurat)
सुबह में पूजा का मुहूर्त - सुबह 07 बजकर 39- 09 बजकर 11 मिनट
दोपहर में पूजा का मुहूर्त - 01 बजकर 48 - 03 बजकर 20 मिनट
पूजा का तीसरा मुहूर्त - दोपहर 03 बजकर 20 - शाम 04 बजकर 52 मिनट
विश्वकर्मा पूजा का महत्व (Vishwakarma Puja Importance)
भगवान विश्वकर्मा को ब्रह्मा जी का मानस पुत्र माना जाता है. मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से इंजीनियर,वेल्डर, मिस्त्री, बढ़ई, जैसे कार्य से जुड़े लोग अफने कार्य में अधिक कुशल बनते हैं. उनके अंदर बेहतर शिल्पकला का विकास होता है. कारोबार में बढ़ोत्तरी होने के साथ ही घर में धन-धान्य और सुख-समृद्धि का आगमन होता है. भगवान विश्वकर्मा को संसार का पहला इंजीनियर माना जाता है. कहा जाता है कि भगवान विश्वकर्मा ने स्वर्ग लोक, सोने की लंका, हस्तिनापुर और द्वारिका का निर्माण किया था.
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