Mutual Fund Nomination: म्यूचुअल फंड नॉमिनेशन के क्या है नियम और फायदे, नॉमिनी ऐड नहीं होने पर क्या है नुकसान
Mutual Fund Nomination: नॉमिनी के डिटेल्स सही हैं, तो यह प्रक्रिया तेजी से होती है और कानूनी दस्तावेजों की आवश्यकता कम होती है. निवेशक के उत्तराधिकारियों को अधिक समय और प्रयास से बचाने में मदद करता है.
Mutual Fund Nomination: म्यूचुअल फंड निवेश करने वालों के लिए म्यूचुअल फंड नॉमिनेशन का महत्वपूर्ण होता है. नॉमिनेशन एक प्रक्रिया है जिसमें आप बता सकते हैं कि आपके म्यूचुअल फंड निवेश के मामले में मृत्यु के बाद इन पैसों का दावा कौन करेगा. आप अधिकतम 3 नॉमिनी चुन सकते हैं और उनके बारे में आवश्यक जानकारी देनी होती है, जैसे कि नाम, उनका संबंध आपके साथ, और निवेश के हिस्से का पर्सेंटेज आदि. साथ ही बता दें कि इसके बिना पैसे का दावा करने के लिए कई कठिनाइयां हो सकती हैं.
नॉमिनेशन के क्या है फायदे
नॉमिनेशन का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह पैसों के हस्तांतरण को बहुत आसान बनाता है. अगर नॉमिनी के डिटेल्स सही हैं, तो यह प्रक्रिया तेजी से होती है और कानूनी दस्तावेजों की आवश्यकता कम होती है. निवेशक के उत्तराधिकारियों को अधिक समय और प्रयास से बचाने में मदद करता है.
नॉमिनेशन न करने के नुकसान
अगर आप नॉमिनेशन नहीं करते हैं, तो मृत्यु के बाद आपके परिवार को पैसों को पाने के लिए कई कठिनाइयां हो सकती हैं. वसीयत की प्रोबेट या उत्तराधिकार प्रमाणपत्र की आवश्यकता हो सकती है और इसमें समय लग सकता है. नॉमिनी के बिना आपके सदस्यों के बीच में असहमति हो सकती है, जो और भी समय और समस्याओं का कारण बन सकता है.
नॉमिनेशन के नियम
अब हाल के बदले गए नियमों के अनुसार सभी म्यूचुअल फंड निवेशकों को अपने निवेश में नॉमिनी को शामिल करना होगा. आपको नॉमिनी के डिटेल्स जमा करने की आवश्यकता है, अन्यथा आपको ऑप्ट-आउट इंस्ट्रक्शंस देना होगा. इसके बिना आपकी म्यूचुअल फंड फोलियो फ्रीज कर दी जाएगी और आपका कोई लेन-देन नहीं हो सकेगा.
ये भी पढ़िए- FD Rates: इन बैंकों में वरिष्ठ नागरिकों को 5 साल की FD पर मिल रहा है जबरदस्त ब्याज, देखें पूरी लिस्ट