पटना : 10वीं को बिहार में मैट्रिक कहा जाता है और इसकी व्याख्या इस तरह की जाती है- मैं ट्रिक पास कर गया. यानी जीवन में मैट्रिक एग्जाम बहुत मायने रखता है और यह आपके करियर में मील का पत्थर साबित होता है. इसलिए परीक्षार्थी और उसके माता पिता मैट्रिक एग्जाम को लेकर बहुत चिंतित रहते हैं. 10वीं के टेंशन तो रहता ही है, 10वीं पास करने के बाद असली टेंशन शुरू होता है. टेंशन इस बात का कि जीवन में क्या करें, कैसे बनें और कैसे आगे बढ़ें. कई परीक्षार्थी 10वीं के बाद से ही जाॅब हंट में लग जाते हैं तो कुछ आगे की पढ़ाई के लिए विदेश चले जाते हैं और कुछ देश में ही रहकर इंटरमीडियट और फिर ग्रेजुएशन करते हैं. कुछ ऐसे भी परीक्षार्थी होते हैं जो वोकेशनल केार्स करके सेटल होने की कोशिश करते हैं.  अब यह आपको तय करना है कि 10वीं के बाद जाॅब करना है या विदेश जाना है या फिर आगे की पढ़ाई करनी है या फिर टेक्निकल पढ़ाई करके अपनी जिंदगी को नई दिशा देनी है. वैसे 10वीं करने के बाद हम आपको 8 रास्ते बता रहे हैं, जिन रास्तों पर चलकर आप अपनी जिंदगी को अहम मोड़ दे सकते हैं. 


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10वीं पास करने के बाद ये 8 रास्तों पर चल सकते हैं- 


- विज्ञान से इंटरमीडिएट 
विज्ञान की पढ़ाई को अरसे से बहुत अहम माना जाता है. मैट्रिक पास करने वाले ज्यादातर छात्रों की चाहत इंटर में साइंस लेने की होती है. विद्यार्थी ही नहीं, उसके माता पिता की भी चाहत होती है कि उनका बेटा साइंस से पढ़ाई करे. साइंस से पढ़ाई करने के बाद आप इंजीनियर या डॉक्टर बन पाते हैं. साइंस यानी विज्ञान पढ़ने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि भविष्य में आप आर्ट्स से पढ़ाई कर सकते हैं. जबकि आर्ट्स और कॉमर्स में यह सुविधा उपलब्ध नहीं है. साइंस की पढ़ाई करने वाले डॉक्टर, इंजीनियर, आईटी, शोध, एविएशन, मर्चेंट नेवी, फॉरेंसिक साइंस, एथिकल हैकिंग आदि में करियर बना सकते हैं. 


- वाणिज्य से इंटरमीडिएट 
अगर आप भविष्य में सीए यानी चार्टर्ड अकाउंटेंट बनना चाहते हैं या फिर सीएस कंपनी सेक्रेटरी बनना चाहते हैं तो आपको वाणिज्य यानी कॉमर्स की पढ़ाई करनी चाहिए. कॉमर्स की पढ़ाई करने वालों के सामने अकाउंट, कंपनी सेक्रेटरी, एमबीए, फाइनेंशियर प्लानर, मैनेजमेंट अकाउंट, चार्टर्ड अकाउंटिंग और एक्चुअरिज आदि में करियर बनाने का ऑप्शन है. 


- कला से इंटरमीडिएट
कला यानी आर्ट्स पढ़ने को लेकर आम लोगों में यह धारणा है कि कमजोर विद्यार्थी यह स्ट्रीम चुनते हैं या वे स्टूडेंट जिनके नंबर काफी कम हैं, उनके लिए आर्ट्स स्ट्रीम ही विकल्प होता है पर ऐसा नहीं है. बहुत से स्टूडेंट पढ़ने में अच्छे होते हैं और अच्छे अंक भी लाते हैं और आर्ट्स स्ट्रीम चुनते हैं. आर्ट्स स्ट्रीम सरकारी नौकरी पाने वालों के लिए बेहतर होता है. प्रतियोगी परीक्षाओं में ज्यादातर आर्ट्स से सवाल किए जाते हैं, जिनका हल निकालना इन स्टूडेंट्स के लिए बेहतर होता है. आर्ट्स की पढ़ाई करने वाले पत्रकार, ग्राफिक डिजाइनर, वकील, इवेंट मैनेजर, टीचर और एनिमेटर बनते हैं. इसमें एक दिक्कत यह है कि आगे चलकर आप अपना स्ट्रीम नहीं चेंज कर सकते. 


- पॉलिटेक्निक कोर्स 
10वीं के बाद आप इंटरमीडियट के बदले पॉलीटेक्निक कोर्स भी कर सकते हैं. यह कोर्स 3 साल का होता है. टेक्निकल कोर्स होने के चलते इसकी पढ़ाई के बाद जॉब मिलने के चांसेज ज्यादा होते हैं. आपके लिए ये कुछ डिप्लोमा कोर्सेज हैं- डिप्लोमा इन केमिकल इंजीनियरिंग, डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग, डिप्लोमा इन कंप्यूटर इंजीनियरिंग, डिप्लोमा इन इंस्ट्रूमेंटेशन टेक्नोलॉजी, डिप्लोमा इन एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, डिप्लोमा इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग, डिप्लोमा इन इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, डिप्लोमा इन ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग, डिप्लोमा इन बायोटेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग, डिप्लोमा इन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग. पॉलिटेक्निक के बाद आप बीटेक भी कर सकते हैं. अगर आप पॉलिटेक्निक करने के बाद बीटेक करना चाहते हैं तो आपको लैटरल एंट्री के जरिए सीधे सेकेंड ईयर में प्रवेश मिल सकता है. हालांकि आईआईटी में यह सुविधा नहीं है. 


- आईटीआई 
10वीं के बाद अगर आप तुरंत जॉब पाना चाहते हैं तो आईटीआई कोर्स कर सकते हैं. इस कोर्स की अवधि एक साल से लेकर 3 साल तक की होती है. आईटीआई का मतलब इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट होता है. आईटीआई में आप पंप ऑपरेटर, फिटर इंजीनियरिंग, टूल एंड डाई मेकर इंजीनियरिंग, मैन्युफैक्चर फूट वियर, रेफ्रिजरेशन इंजीनियरिंग, फ्रूट एंड वेजिटेबल प्रोसेसिंग और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर सकते हैं. 


- पैरामेडिकल 
अगर आप मेडिकल हेल्थ केयर सेक्टर में जाना चाहते हैं तो 10वीं के बाद पैरामेडिकल कोर्स कर सकते हैं. बिना नीट क्वालीफाई किए आप पैरामेडिकल कोर्स कर सकते हैं. अभी हेल्थ सेक्टर में डॉक्टर से लेकर एक्सरे असिस्टेंट, लैब असिस्टेंट तक की डिमांड बढ़ गई है. इस तरह इस फील्ड में जाना आपका अच्छा फैसला हो सकता है. 10वीं के बाद 2 प्रकार के पैरामेडिकल कोर्स होते हैं. एक सर्टिफिकेट कोर्स तो दूसरा डिप्लोमा कोर्स. पहला कोर्स 3 महीने से 1 साल की अवधि के लिए होता है तो डिप्लोमा कोर्स एक से 2 साल की अवधि के लिए होता है. 


- शॉर्ट टर्म कोर्स 
खुद के अंदर नए हुनर विकसित करने के लिए अगर आप अधिक उत्सुक रहते हैं तो 10वीं पास करने के बाद आप शॉर्ट टर्म कोर्स कर सकते हैं. इससे आप अपने हुनर को विकसित कर सकते हैं. उसके सत्यापन के लिए सर्टिफिकेट हासिल कर सकते हैं. 


- नौकरी
10वीं के बाद आप प्राइवेट और सरकारी नौकरी भी हासिल कर सकते हैं. हालांकि 10वीं के बाद आप बड़ी नौकरी की उम्मीद ना रखें तो ही बेहतर रहेगा. प्राइवेट सेक्टर में आपको क्लर्क, डेटा एंट्री ऑपरेटर आदि की नौकरी मिल सकती है. हालांकि ऐसे जॉब की कोई सिक्योरिटी नहीं होती. सरकारी में आप सेना में अपना भाग्य आजमा सकते हैं. आजकल अग्निवीर योजना में भी आप नौकरी के लिए ट्राई कर सकते हैं.


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