Rajyoga: नीचभंग राजयोग एक ऐसा विशेष योग है जो जातक को सफलता और ऊंचाइयों तक पहुंचा सकता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब कुंडली में कोई ग्रह अपनी नीच राशि में स्थित होता है तो इसका नकारात्मक प्रभाव हो सकता है, लेकिन अगर वही नीच ग्रह अपनी नीचता से मुक्त हो जाता है, तो यह राजयोग बनाता है. जिसे 'नीचभंग राजयोग' कहा जाता है. यह योग जातक के जीवन को राजा की तरह बना देता है, यानी रंक से राजा बनाने का सामर्थ्य रखता है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आचार्य मदन मोहन के अनुसार इस योग का निर्माण तब होता है जब किसी कुंडली में एक नीच ग्रह के साथ उच्च ग्रह हो. यदि नीच ग्रह अपनी राशि में हो और उस राशि का स्वामी या उच्च ग्रह चंद्रमा से केंद्र के स्थान में स्थित हो, तो नीचभंग राजयोग बनता है. यह योग तब भी बनता है जब नीच ग्रह की दृष्टि उसके स्वामी की हो या वह ग्रह वक्री हो जाए. इसके अलावा, यदि कोई ग्रह अपनी नीच राशि में है और उस राशि का स्वामी लग्न भाव या चंद्रमा से केंद्र स्थान में हो, तब भी यह योग बनता है. इसी तरह, यदि नीच ग्रह नौवें भाव में उच्च स्थिति में हो, तो भी यह राजयोग बनता है.


साथ ही नीचभंग राजयोग के प्रभाव से जातक को जीवन में बड़ी सफलता मिलती है. यह योग उस व्यक्ति को जीवन में उन सभी बाधाओं से बाहर निकाल सकता है जो उसकी प्रगति में रोड़े अटका रही थीं. इस योग का प्रभाव जीवन में बहुत शुभ होता है, और यह व्यक्ति को समाज में उच्च स्थान और प्रतिष्ठा दिलाता है.


ये भी पढ़िए-  Namak Ke Upay: नमक का टोटका भी बदल सकता है आपका भाग्य, जीवन में नकारात्मकता होगी दूर!