Manipur News: मणिपुर इस वक्त पूरे देश में चर्चाओं में है. इसकी वजह यहां पर पिछले करीब 3 महीने जारी हिंसा का होना है. इसकी वजह कुकी और मैतेई समुदाय के हिंसक झड़प का होना है. अब सवाल उठता है कि ये झड़प दोनों समुदाय के बीच हुई क्यों? आखिर कुकी जनजाती की इतनी चर्चा क्यों हो रही है. दोनों समुदाय के बीच मामला क्या है. खैर, ये सब तो जानेंगे ही, लेकिन सबसे अहम ये जानना है कि कुकी जनजाति का धर्म क्या है? मणिपुर में कैसे आई? ये खाते क्या हैं? 


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कुकी जनजाति का धर्म क्या है?


कुकी एक मंगोली नस्ल की एक जनजाती जाति है. कुकी ईसाई धर्म को मानते हैं. ये समुदाय एसटी वर्ग में आता है. कूकी समुदाय भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों, उत्तरीम्यांमार, बंगलादेश के चित्तग्राम पहाड़ियों पर निवास करते हैं. भारत में अरुणाचल प्रदेश को छोडकर वे सभी उत्तरपूर्वी राज्यों में पाये जाते हैं. अन्तरराष्ट्रीय सीमा पर उनके होने की सबसे बड़ा कारण ब्रिटेन की औपनिवेशिक नीति का परिणाम है.


मणिपुर में कुकी कैसे आई?


ब्रिटिश प्रशासकों की तरफ से नए कुकी कहे जाने वाले समूह 19वीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध के दौरान मणिपुर क्षेत्र में चले गए. तब से लेकर अभी तक वह इस राज्य में निवास करते हैं. मणिपुर में ताजा विवाद भी कुकी जनजाती और मैतई समदुाय के बीच हो रही है.


कुकी का प्रमुख भोजन क्या है और इतिहास क्या है?


कुकी जनजातियों का प्रमुख भोजन मछली है. कुकी, एक दक्षिण पूर्व एशियाई जनजाति हैं जो भारत और म्यांमार (बर्मा) की सीमा पर मिजो (पूर्व में लुशाई) पहाड़ियों में रहते थे. अब बात करते हैं कि कुकी का मतलब क्या होता है. दरअसल, कुकी लोगों की एक भाषा है.  दक्षिणी असम, भारत में असंख्य पहाड़ी लोगों में से कोई और कुकी लोगों का एक सदस्य.


क्यों भड़की थी मणिपुर में हिंसा?


मणिपुर में तीन मई को कुकी समुदाय की ओर से निकाले गए आदिवासी एकता मार्च के दौरान हिंसा भड़की थी. इस दौरान कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसक झड़प हो गई थी. तब से ही वहां हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं.