Express Way In Bihar: बिहार में पहली बार एक्सप्रेसवे बनने जा रहे हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीमारमण ने बजट 2024 के भाषण पटना पूर्णिया और बक्सर भागलपुर एक्सप्रेसवे के निर्माण का ऐलान किया है. इसके अलावा इन दोनों एक्सप्रेसवे बोधगया, राजगीर, वैशाली और दरभंगा को भी संपर्क मार्ग के जरिए जोड़ने का ऐलान किया गया है. इस ऐलान से बिहार सरकार गदगद है. जानकार बता रहे हैं कि इन दोनों एक्सप्रेसवे के निर्माण से बिहार के विकास को पंख लग सकते हैं. अब जानते हैं कि एक्सप्रेसवे क्या होते हैं और इनके निर्माण से क्या फायदे हो सकते हैं, संतरे वाले ट्रक के उदाहरण से हम आपको समझाएंगे.  


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क्या होते हैं एक्सप्रेस-वे (What is Express way)
1. तेज गति से चलने वाली गाड़ियों के लिए बनाई जाने वाली सड़क को एक्सप्रेसवे कहते हैं. 
2. एक्सप्रेसवे आम सड़कों की तुलना में ज्यादा मजबूत और टिकाउ बनाए जाते हैं. 
3. एक्सप्रेसवे आम तौर पर आबादी से दूर बनाई जाती हैं, ताकि जाम की समस्या पैदा न हो.
4. जब-जब इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की बात होती है तो एक्सप्रेसवे का जिक्र जरूर आता है. 


एक्सप्रेस-वे के फायदे (Benefits of Express way)
एक्सप्रेसवे से 3 तरह के फायदे हो सकते हैं: जनता को फायदा, सरकार को फायदा और जनता और सरकार को दोनों को साझा फायदा


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एक्सप्रेस-वे से जनता को होने वाले फायदे


1. एक्सप्रेसवे के बन जाने से लोगो का ट्रैवल टाइम कम होता है. 
2. उदाहरण के तौर पर पटना से पूर्णिया के बीच सफर को देखते हैं. 
3. पटना से पूर्णिया के बीच की दूरी 300 किलोमीटर है. 
4. अभी इस दूरी को तय करने में साढ़े 6 से 7 घंटे लगते हैं. 
5. इस रोड पर अभी औसत स्पीड 45 किलोमीटर प्रति घंटा है. 
6. एक्सप्रेसवे बनने के बाद इस दूरी को 4 घंटे में पूरा किया जा सकता है. 
7. बचे हुए टाइम को आप दूसरे कामों में लगा सकते हैं या आराम कर सकते हैं. 
8. सामानों का ट्रांसपोर्टेशन जल्दी होगा और यह तय समय से पहले गंतव्य तक पहुंच जाएगा.  


उदाहरण से जानिए 


1. मान लीजिए संतरे से लदे ट्रक को पटना से पूर्णिया जाने में 7 घंटे लगते हैं और 7 घंटे आने में भी लगते हैं. 
2. इस तरह एक ट्रक संतरे को पटना से पूर्णिया तक पहुंचाने और फिर लौटने में तकरीबन 15 घंटे इस्तेमाल होते हैं. 
3. इस तरह एक ट्रक पूरे महीने में पटना से पूर्णिया जाने में 15 राउंड ही लगा सकता है. 
4. दूसरी ओर, एक्सप्रेसवे बन जाता है तो पटना से पूर्णिया का सफर 4 घंटे का रह जाता है. 
5. इस तरह 8 घंटे में एक ट्रक संतरे की डिलीवरी कर वापस भी आ सकता है. 
6. पूरे महीने की बात करें तो एक ट्रक पूरे महीने में 30 राउंड लगा सकता है. 
7. ट्रांसपोर्टेशन राउंड बढ़ जाने से सप्लाई बढ़ जाएगी और संतरे की कीमत कम हो सकती है. 


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सरकार को फायदा 


1. जैसे हमारे पास चल और अचल संपत्ति होती है, वैसे ही एक्सप्रेसवे सरकार की संपत्ति होती है.
2. सरकार इन सड़कों के जरिए कमाई करती है. टोल टैक्स सरकार के खजाने में जाता है.
3. लीज पर देने से सरकार को एकमुश्त रकम मिल जाती है और सड़कों का रखरखाव निजी कंपनियां करती हैं.


सरकार और जनता के साझे फायदे


1. जब सरकार किसी संपत्ति में निवेश करती है तो इकोनॉमी में जान आती है और रोजगार के अवसर पैदा होते हैं. 
2. एक एक्सप्रेसवे में अगर 1000 करोड़ का खर्च आया तो इसका 20 प्रतिशत हिस्सा बाजार में जाता है.
3. इसको ऐसे समझिए, 1000 करोड़ रुपये खर्च करने वाली कंपनी 20 प्रतिशत रुपये अपने मजदूर, कर्मचारी, ठेकेदार,इंजीनियर आदि को भुगतान करेगी. 
4. ये पैसे जब कर्मचारियों, मजदूरों, ठेकेदारों और इंजीनियरों के पास पहुंचेंगे तो वे बाजार से खरीदारी ज्यादा करेंगे. 
5. अगर खरीदारी ज्यादा होगी तो बाजार में मांग बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था को फायदा होगा. इससे सरकारी खजाने को भी फायदा होता है. 
6. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी फरवरी 2022 में कहा था, जब सरकार कैपिटल एक्सपेंडिचर पर 1 रुपये खर्च करती है तो उसी साल सरकार को 2.45 रुपये वापस आ जाते हैं.