Vastu Tips For House: वास्तु शास्त्र में पूर्व दिशा का खास महत्व होता है. आचार्य मदन मोहन के अनुसार हर भवन में कुछ न कुछ नकारात्मक प्रभाव होता है, लेकिन इन प्रभावों को कम करने के उपाय भी बताए गए हैं.


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आचार्य मदन मोहन के अनुसार पूर्व दिशा सूर्य देव की दिशा है, क्योंकि सूर्य और चंद्रमा यहीं से उगते हैं. वास्तु शास्त्र में इसे पीले रंग की दिशा माना जाता है और यहां लाल या पीले रंग के पर्दे शुभ माने जाते हैं. अगर घर का मुख्य दरवाजा पूर्व दिशा की ओर हो, तो यह एक अच्छा संकेत है. इससे घर में सुख और समृद्धि आती है और रहने वाले लोग महत्वाकांक्षी रहते हैं. साथ ही पूर्व दिशा से सूर्य की ऊर्जा और रोशनी मिलती है, जो निरंतर प्रगति का प्रतीक है. यह भी हमें सिखाता है कि जीवन में समय स्थिर नहीं रहता जैसे सूर्य रोज उगता है, हमें भी जीवन में निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए और हार मानने की बजाय उन्नति की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए.


पूर्व दिशा में कुछ सावधानियां भी बरतनी चाहिए
भारी सामान:
पूर्व दिशा में भारी वस्तुएं या कबाड़ नहीं रखना चाहिए.
साफ-सफाई: इस दिशा को साफ और खुला रखना चाहिए.
शौचालय: पूर्व दिशा में शौचालय का निर्माण नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे उन्नति में रुकावट हो सकती है.
भूमि का स्तर: पूर्व दिशा की भूमि समतल या हल्की ढलान वाली होनी चाहिए. ऊंचा स्थान सूर्य की रोशनी को रोक सकता है और धन की हानि का कारण बन सकता है.
पेड़-पौधे: पूर्व दिशा में बहुत घने पेड़ नहीं होने चाहिए, जिनकी छाया घर पर पड़े. इससे नकारात्मक प्रभाव और मानसिक तनाव बढ़ सकता है.


आचार्य के अनुसार अगर घर का कोई दरवाजा पूर्व दिशा की ओर नहीं है, तो कमरों की खिड़कियां पूर्व दिशा की ओर होनी चाहिए, ताकि सूर्य की रोशनी कमरे में आ सके. इससे नकारात्मकता कम होती है और जीवन में उन्नति के अवसर खुलते हैं. दिन के समय पूर्व दिशा की खिड़कियां खुली रखें, ताकि सूर्य की किरणें नकारात्मकता को समाप्त कर सकें.


Disclaimer: यहां दी गई जानकारी मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है.


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