Vivah Panchami 2023: विवाह पंचमी 2023 पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम और माता जानकी की विवाह वर्षगांठ को मनाया जाएगा, जिसे विवाह पंचमी कहा जाता है. शास्त्रों के अनुसार श्रीराम और माता सीता का विवाह मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को हुआ था.


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इस पवित्र दिन पर घर में राम-सीता जी की पूजा करने से सुख-समृद्धि का वास होता है और मां लक्ष्मी प्रसन्न रहती हैं. इसके अलावा जिन लोगों का वैवाहिक जीवन तनाव में चल रहा है, वे विवाह पंचमी पर रामचरितमानस के विवाह प्रसंग का पाठ करके समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकते हैं. रामायण के अनुसार श्रीहरि ने राजा दशरथ के यहां श्रीराम के रूप में जन्म लिया था. एक बार राजा जनक को एक कन्या की प्राप्ति हुई, जिसका नाम सीता था. सीता ने शिवजी का धनुष उठाया था, जिससे राजा जनक को समझ में आया कि यह कोई साधारण बालिका नहीं है.


राजा जनक ने चाहा कि उनकी पुत्री का विवाह किसी आदर्शवादी पुरुष से हो. इस पर उन्होंने सीता का स्वयंवर आयोजित किया, जहां शिवजी के धनुष को उठाने वाले से ही उनकी पुत्री का विवाह होगा. मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर भगवान राम, लक्ष्मण और महर्षि वशिष्ठ जनकपुरी में पहुंचे.


स्वयंवर में तमाम वीरों ने धनुष उठाने का प्रयास किया, लेकिन असफल रहे. तब महर्षि वशिष्ठ ने भगवान राम को शिव जी के धनुष की प्रत्यंचा चढ़ाने की आज्ञा दी और राम ने उसे उठाया ही. इससे धनुष टूटा और राजा जनक ने श्रीराम से सीता का विवाह करा दिया. विवाह पंचमी की इस कथा को सुनकर भी हम आज भी श्रीराम और माता सीता को एक आदर्श दंपत्ति मानते हैं.


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