पटनाः बिहार में सातवें फेज के तहत क्लास एक से लेकर आठ और क्लास नौ से लेकर क्लास बारह तक के अभ्यर्थियों की बहाली होनी है. कल तक बिहार के जो विपक्षी नेता एक कलम से दस लाख नौकरी देने का दावा कर रहे थे अब उनके जवाब का इंतजार पूरा बिहार कर रहा है. लिहाजा सोमवार को अभ्यर्थियों ने जमकर राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. एक तरफ अभ्यर्थी जहां डाकबंग्ला चौराहे पर प्रदर्शन कर रहे थे वहीं इनका दूसरा गुट नया सचिवालय पर प्रर्दर्सन कर रहे थे. नया सचिवालय में में ही शिक्षा विभाग का दफ्तर है. क्लास नौ से लेकर बारह तक के स्कूलों के नियोजन के लिए शिक्षक अभ्यर्थी सचिवालय के सामने जुट गए वहीं दूसरी ओर डाकबंग्ला प्रदर्शन और अफरातफरी का गवाह बना रहा.डाकबंग्ला पर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थी विभाग से सातवें फेज के लिए अधिसूचना जारी करने की मांग कर रहे थे.


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32 हजार लोगों का होना था नियोजन
दरअसल, बिहार में छठे फेज का नियोजन और सातवें फेज का नियोजन अब सरकार के गले की फांस बन गया है. क्या है पूरा मामला है इसे ऐसे समझते हैं. साल 2019 में अदालत से फैसला आने के बाद शिक्षा विभाग ने छठे फेज का नियोजन शुरू करने की घोषणा की. क्लास एक से लेकर क्लास आठ और क्लास नौ से लेकर क्लास बारह तक के स्कूलों के लिए नियोजन के लिए शेड्यूल जारी हुआ. क्लास एक से लेकर क्लास आठ तक में 90 हजार जबकि क्लास नौ से लेकर क्लास बारह तक में 32 हजार लोगों का नियोजन होना था.


पेपर लीक होने कारण रद्द हुई परीक्षा
फरवरी 2022 में प्राथमिक स्कूलों (क्लास एक से लेकर क्लास आठ) में 45 हजार शिक्षकों का नियोजन हुआ. लिहाजा 45 हजार सीटें प्राथमिक स्कूलों में खाली रह गईं. इसी बीच बिहार में साल 2020 में क्लास नौ से लेकर बारह तक के स्कूलों के लिए माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन हुआ. फरवरी 2020 में हुई परीक्षा के प्रश्न पेपर लीक होने के कारण रद्द हो गई. फिर अगस्त-सितंबर 2020 में दोबारा एसटीइटी परीक्षा हुई. 12 मार्च 2021 और 21 जून 2021 को रिजल्ट आया. 


कितने अभ्यर्थी हुए सफल, नहीं है आंकड़ा
हालांकि इस परीक्षा में कितने अभ्यर्थी सफल हुए इसकी संख्या नहीं है, लेकिन करीब 80 हजार अभ्यर्थी को सफल माना जा रहा है. अब बिहार में एक तरफ जहां क्लास एक से लेकर क्लास आठ तो वहीं क्लास नौ से लेकर बारह तक के स्कूलों में नियोजन की मांग के लिए प्रदर्शन हो रहा है. बिहार में छठे फेज का नियोजन पूरा नहीं हुआ है. पूर्व शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी और मौजूदा शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर दोनों छठे फेज कानियोजन पूरा होने के बाद ही सातवें फेज की बात कह रहे हैं. यानि अभ्यर्थियों को निराशा मिल रही है. एक तरफ कांग्रेस और राजद दोनों अपनी तरफ से छात्रों को भरोसा दे रही है वहीं बीजेपी सरकार पर सवाल खड़े कर रही है. बिहार में शिक्षकों अभ्यर्थियों का सब्र टूटने लगा है. टूटे भी क्यों नहीं. बीएड, बीटीइटी, सीटीइटी, एसटीइटी जैसी परीक्षा पास होने के बाद अगर रोजगार नहीं मिले तो ये उचित नहीं कहा जा सकता है. लेकिन अभ्यर्थियों को गरिमा में रहकर प्रदर्शन करना होगा.


रिपोर्टः प्रीतम कुमार, ज़ी मीडिया, पटना