पटना :  Bihar Oldest School: बिहार में BSEB के परीक्षार्थी इन दिनों अपनी रिजल्ट की प्रतिक्षा में हैं. BSEB की तरफ से रिजल्ट की घोषमा कभी भी की जा सकती है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की तरफ से 10वीं और 12वीं के रिजल्ट जल्द ही जारी किए जा सकते हैं. इस बार पहले 12वीं की परीक्षा और उसके बाद 10वीं की परीक्षा बोर्ड की तरफ से आयोजित की गई थी. ऐसे में पहले बोर्ड की तरफ से 12वीं और फिर 10वीं के रिजल्ट की घोषणा की जाएगी.  ऐसे में हम आपको बिहार के एक ऐसे स्कूल के बारे में बताएंगे जो 187 साल पुराना है और जहां से प्रसिद्ध नेताओं के साथ बॉलीवुड के सितारों तक ने पढ़ाई की. 


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पटना कॉलेजिएट स्कूल बिहार का गौरव है. 187 साल पुराने इस स्कूल ने माध्यमिक शिक्षा के क्षेत्र में अपने आप को हमेशा सर्वोच्च बनाए रखा है. यहां केवल पढ़ाई नहीं बल्कि छात्रों का पर्सनालिटी डेवलपमेंट भी खूब होता है. आप इस स्कूल से पढ़नेवाले छात्रों की सूची देख लेंगे तो इनके नामों को जानकर हैरान रह जाएंगे. बता दें कि इस स्कूल से निकले ऐसे छात्र हैं जिन्होंने भारत के निर्माण में महती भूमिका निभाई. छात्र आंदोलन के जनक जयप्रकाश नारायण ने इसी स्कूल से शिक्षा ग्रहण की थी. उन्हें भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न भी मिला. पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री रहे बिधान चंद्र रे की स्कूलिंग भी यहीं से हुई थी. यहां से इसके अलावा शत्रुघ्न सिन्हा, रविशंकर प्रसाद, पूर्व न्यायमूर्ति आफताब आलम (न्यायाधीश), सुधीर कुमार कटारिया,  अभिनेता कुणाल, सुनीत कुमार IPS,बॉलीवुड कलाकार विनीत कुमार और यशवंत सिन्हा जैसे लोगों ने पढ़ाई की है. 


सत्यजीत रे की 1950 में आई फिल्म 'सीमाबद्ध' में इस स्कूल का जो चित्रण किया गया है उसे देखकर आप हैरान रह जाएंगे. स्कूल बिहार बोर्ड के अंतर्गत आता है और जहां बिहार बोर्ड के तहत ही सिलेबस पर पढ़ाई होती है. कक्षा 9 से 12 तक चलनेवाले इस स्कूल में 12वीं के छात्रों के लिए आर्ट्स, साइंस और कॉमर्स के अलावा प्रोफेशनल कोर्स भी चलता है. 


यहां से प्रोफेशनल कोर्स कर निकले छात्र अच्छे पैकेज पर कई जगहों पर काम करते हुए आपको मिल जाएंगे. स्कूल में अध्ययनरत छात्रों की संख्या 2 हजार से ज्यादा है. BSEB की परीक्षाओं में यहां के छात्रों का प्रदर्शन शानदार रहा है. यह स्कूल पटना के बिल्कुल मध्य में स्थित है और 13 एकड़ में फैला हुआ है जहां 34 से ज्यादा क्लासरूम के साथ स्कूल की इमारत बेहतरीन है. अंग्रेजों ने 1835 में इस स्कूल की स्थापना की थी. 


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