IAS Chandrashekhar Singh: पटना के जिलाधिकारी (DM) चंद्रशेखर सिंह हाल ही में प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी के बाद चर्चा में आए. प्रशांत किशोर गांधी मैदान में बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) परीक्षा विवाद को लेकर आमरण अनशन कर रहे थे. प्रशासन द्वारा बार-बार निर्देश देने के बावजूद गांधी मैदान में प्रदर्शन जारी रखने पर चंद्रशेखर सिंह ने पुलिस कार्रवाई का आदेश दिया. दरअसल, गांधी मैदान में धरना देना पटना उच्च न्यायालय के आदेशानुसार प्रतिबंधित है. प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को गर्दनीबाग स्थित निर्धारित प्रदर्शन स्थल पर जाने का निर्देश दिया था, लेकिन अनदेखी करने पर कार्रवाई हुई. इस दौरान प्रशांत किशोर सहित 43 लोगों को हिरासत में लिया गया और 15 वाहनों को जब्त किया गया. चंद्रशेखर सिंह ने स्पष्ट किया कि कानून और व्यवस्था बनाए रखना उनकी प्राथमिकता है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कौन है चंद्रशेखर सिंह
चंद्रशेखर सिंह 2010 बैच के बिहार कैडर के IAS अधिकारी हैं. उन्होंने 2009 में अपने चौथे प्रयास में UPSC परीक्षा पास की थी. जून 2024 में उन्हें पटना का जिलाधिकारी नियुक्त किया गया. इससे पहले भी वे पटना में डीएम रह चुके हैं. सख्त निर्णय लेने वाले अधिकारी के रूप में उनकी पहचान है.


विवादों से घिरी प्रशासनिक शैली
पटना डीएम चंद्रशेखर सिंह कोई पहली बार चर्चा में नहीं है इससे पहले भी वे कई बार चर्चा का विषय बन चुके है. चंद्रशेखर इससे पहले बीपीएससी अभ्यर्थी को थप्पड़ मारने के मामले में चर्चा में थे. दरअसल, बिहार की राजधानी पटना में बीपीएससी पेपर लीक को लेकर अभ्यर्थी बापू सभागार परीक्षा केंद्र पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, जिन्हें समझाने के लिए डीएम चंद्रशेखर गए थे. डीएम को देख अभ्यर्थी उन पर भी आरोप लगाने लगे, जिसके बाद वह भड़क गए और कैंडिडेट को थप्पड़ जड़ दिया. साथ ही जनवरी 2024 में शीतलहर के चलते पटना के स्कूल बंद करने के मामले में शिक्षा विभाग के आदेशों का पालन न करने पर विवाद हुआ. इसके अलावा, अगस्त 2024 में उन्होंने बेसमेंट में संचालित कोचिंग सेंटरों को सील करने का आदेश दिया था, हालांकि जांच में ऐसा कोई सेंटर नहीं मिला.


प्रशासनिक भूमिका पर सवाल और समर्थन
प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों ने इसे प्रशासनिक दमन बताया, जबकि चंद्रशेखर सिंह ने इसे आवश्यक कदम कहा. उनका कहना था कि प्रदर्शन के मुद्दे को न्यायालय में उठाया जाना चाहिए. चंद्रशेखर सिंह की इस कार्रवाई ने एक बार फिर साबित किया कि वे अपने कड़े निर्णयों और कानून व्यवस्था बनाए रखने की प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं. पटना डीएम के रूप में उनकी भूमिका, प्रशंसा और आलोचना दोनों का केंद्र बनी हुई है.


ये भी पढ़िए-  'आज से प्रशांत किशोर को लोग नेता मानेंगे...', पीके को लेकर BJP नेता का बड़ा बयान