Bamboo Stick: बांस जलाने की सनातन धर्म में मनाही है और इसके पीछे कई कारण हैं. सबसे पहले बांस की लकड़ी को जलाना अशुभ माना जाता है. भगवान कृष्ण के साथ बांसुरी का विशेष संबंध है, क्योंकि वह हमेशा बांस की बनी बांसुरी रखते थे. इसलिए बांस को जलाना मना है. शादी-ब्याह के मंडप में भी बांस का उपयोग किया जाता है और अंतिम यात्रा के दौरान शव को ले जाने के लिए बांस की चचरी बनाई जाती है. इस तरह, बांस का उपयोग जन्म से लेकर मृत्यु तक होता है, इसलिए इसे जलाना उचित नहीं माना जाता है.


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आचार्य मदन मोहन के अनुसार यदि कोई व्यक्ति बांस को जलाता है, तो इसका विनाश होता है और इसके परिणामस्वरूप पितृ दोष भी लगता है. मांगलिक कार्यों में बांस की पूजा की जाती है, इसलिए इसे जलाना मना है. यह भी मान्यता है कि जहां बांस होता है, वहां बुरी आत्माओं का साया नहीं होता है.


वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी बांस की लकड़ी में कई धातुएं होती हैं, जो जलने पर ऑक्साइड बनाती हैं. इससे वायु प्रदूषण होता है और इसके धुएं से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है. यह धुआं शरीर में प्रवेश करके सांस की समस्याएं पैदा कर सकता है, जिससे नसों और लीवर की गंभीर समस्याएं हो सकती हैं.


बांस को लंबी उम्र और शक्ति का प्रतीक माना जाता है और यह अच्छे भाग्य का संकेत भी है. इसलिए, इसे जलाने से जीवन में अशुभ प्रभाव देखने को मिल सकते हैं. इस प्रकार, बांस को जलाने से न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी बचना चाहिए.


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