पटनाः राजधानी पटना में एक बार फिर से शिक्षक अभ्यर्थियों का प्रदर्शन शुरू हो गया है. प्रारंभिक शिक्षक संघ अब अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतर गया है. बहाली के लिए आंदोलन कर रहे छात्रों को 27 जुलाई को सरकार के द्वारा आश्वासन दिया गया था. सरकार ने कहा था कि जल्द बहाली के लिए नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा. मगर छात्रों ने सरकार केआश्वासन के बाद भी पटना के गर्दनीबाद में डेरा डाल दिया है. 2019 में एसटीईटी पास कर चुके शिक्षक अभ्यर्थियों ने बताया कि एसटीईटी का आयोजन 8 सालबाद हुआ. नोटिफिकेशन 2019 में जारी किया गया. जनवरी 2020 में ऑफलाइन मोड में परीक्षा ली गई. मगर, कुछ परीक्षा केंद्रों पर फर्जीवाड़े की बात सामने आने पर उसे रद्द कर दिया गया. दोबारा इस परीक्षा का आयोजन सितंबर 2020 में किया गया. तब इसे ऑनलाइन मोड में किया गया. 


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छात्रों की ये है मांग
सोमवार को शिक्षक अभ्‍यर्थियों ने जोरदार प्रदर्शन किया. तीन साल से मिल रहे आश्‍वासनों से तंग आकर शिक्षक अभ्‍यर्थियों ने सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया था. प्रदर्शनकारी शिक्षक अभ्यर्थी सातवें चरण की बहालीकी मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि राज्य के प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों के लिए अविलंब बहाली की विज्ञप्ति निकाली जाए. नीतीश सरकार के शिक्षा विभाग का तर्क है कि अभी छठे चरण के नियोजन की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है. इस चरण के लगभग 53 हजार पद अभी खाली हैं. इस पर टीईटी पास अभ्यर्थियों का कहना है कि रिक्ति वाले विषय में रोस्टर के अनुसार आवेदक नहीं होने से यह रिक्ति बनी हुई है. इन 53 हजार पदों को सातवें चरण में सम्मिलित करके नई विज्ञप्ति प्रकाशित किया जाए. सरकार इसपर उन्हें आश्वासवन दे रही है, पर कोई बहाली नहीं हो रही है. 


ये अभ्यर्थी 3 साल से नौकरी मिलने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन सरकार इन लोगों का नियोजन नहीं कर रही है. अभ्यर्थियों का कहना है कि इस मामले में शिक्षा मंत्री कोई जवाब नहीं दे रहे हैं. बात करने पर शिक्षा विभाग हमारी मांग को अनसुनी करती रही है. यही कारण है कि नई सरकार बनने के बाद सोमवार से प्रदर्शन शुरू किया गया है. जब तक एसटीईटी उतीर्ण अभ्यर्थियों का नियोजन नहीं किया जाएगा, तब तक ऐसे ही प्रदर्शन जारी रहेगा.