World Mental Health Day 2022: मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के मामले बीते कुछ सालों में तेजी से बढ़े है. हर साल वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे 10 अक्टूबर को मनाया जाता है. मानसिक स्वास्थ्य को लेकर समय के साथ लोगों की समझ बढ़ रही है. लोगों की मानसिक बीमारी और उससे संबंधित समस्याओं को लेकर जागरूकता बढ़ रही है. मेंटल हेल्थ से संबंधित चीजों में समय के साथ बढ़ोतरी हुई है. यह व्यस्त जीवन और घरेलू समस्याओं इत्यादि के कारण लोगों से स्ट्रेस ज्यादा देखने को मिल रहा है. जिसके कारण ज्यादातर लोग डिप्रेशन, एंग्जाइटी संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं. साथ ही लोग इसके बारे में आज भी खुल कर बात नहीं कर पाते हैं. 


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मानसिक समस्याओं को लेकर डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना महामारी के बाद से इसमें ज्यादा इजाफा हुआ है. कोरोना महामारी के समय ज्यादातर लोग बेरोजगार हो गए थे. घरेलू समस्याओं में भी इजाफा हुआ था. जिसके कारण मानसिक तनाव ज्यादा बढ़ा है. इस दौरान लोगों में नकारात्मक विचारों ने जगह बना ली थी. वहीं जिन लोगों को अक्सर चिंता और घबराहट, तनाव जैसी समस्या बनी रहती है, तो ये चीजें मानसिक बीमारी का संकेत हैं. जिस पर ध्यान देने की बहुत जरूरत है. 


चलाए जाते हैं जागरूकता अभियान
हर साल वैश्विक स्तर पर मानसिक बीमारी, स्ट्रेस संबंधी समस्याओं से निपटने के लिए लोगों के द्वारा जागरूकता अभियान और लोगों को इस संबंध में शिक्षित किया जा रहा है. डॉक्टरों का कहना है कि जिन लोगों को हर छोटी बड़ी समस्या में घबराहट होती है तो यह गंभीर संकेत हैं कि आप मानसिक रूप से बीमार है. यह आपको बेहद नुकसान पहुंचा रहा है. साथ ही जो लोग हर समय बीती बातों में जीते हैं, ज्यादा सोचते हैं. इस प्रकार की चीजें भी आपको मानसिक रूप से बीमार करती हैं. इससे धीरे-धीरे आपकी बीमारी बढ़ती है. समय रहते अपनी समस्याओं और चीजों को लेकर यदि बात नहीं की, या फिर अपनी समस्याएं किसी से शेयर नहीं की तो यह बढ़ सकती है. 


मानसिक बीमारी से होती हैं कई समस्याएं पैदा
यहां तक की मानसिक बीमारी से कई और भी समस्याएं पैदा होती हैं. हद से ज्यादा सोचने और स्ट्रेस लेने से ब्लड प्रेशर की समस्या होती है. ज्यादा समय तक घबराहट और चिंता के कारण मानसिक समस्या के साथ, शारीरिक समस्याएं भी होने लगती है.


हृदय संबंधी समस्या
मानसिक तनाव के चलते हृदय संबंधी समस्याएं भी होती हैं. चिंता और तनाव की स्थिति में इंफ्लामेशन बढ़ता है. जिससे हृदय को अधिक नुकसान पहुंचाता है. डॉक्टरों का कहना है कि चिंता और तनाव से ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है. जिससे हृदय की गति ज्यादा बढ़ती है और हार्ट अटैक आने के आसार होते हैं. 


डायबिटीज
मानसिक बीमारी एक ऐसी समस्या है जो आपको दिमागी तौर पर ही नहीं बल्कि शारीरिक तौर पर भी अत्यधिक नुकसान पहुंचाती है. डायबिटीज आज के इस समय में एक बहुत आम समस्या हो गई है. जिसके पीछे का कारण तनाव है. वहीं टाइप-2 डायबिटीज का मुख्य कारण तनाव है. जिसके कारण आपके हार्मोन में असंतुलन पैदा होता है. जिससे आपका ब्लड शुगर लेवल बढ़ता है. इसका मेटाबॉलिज्म पर भी नकारात्मक असर देखा गया है. 


इन बातों का रखें ध्यान
-मानसिक तनाव को कम करना बहुत जरूरी है. ऐसे में सबसे जरूरी है कि आप कम तनाव ले. अपनी चिंताओं को कम करने के लिए उपाय निकालें और कुछ बातों पर विशेष ध्यान दें. 
-मानसिक तनाव को कम करने के लिए अपनी समस्याओं के बारे में परिजनों और दोस्तों से बातें शेयर करें.
-स्ट्रेस से निजात पाने के लिए एक्सरसाइज करें, साथ ही खानपान पर ध्यान दें.
-लोगों के साथ घूम फिरें और  बाते करें
-सकारात्मक विचारों को अपनाएं. 
-अच्छी पुस्तकें पढ़े
-नींद पूरी लें, इससे काफी अच्छा असर पड़ेगा.
-इसके अलावा सोशल मीडिया और कंप्यूटर पर काम कर करें, 
-छोटे बच्चों के साथ समय बिताएं
-यदि समस्या ज्यादा बढ़े तो डॉक्टर के सुझाव लें. 


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