अपनी राशि के अनुसार करें इन देवताओं की पूजा और मंत्रों का जाप, होगा चमत्कार
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुल 12 राशियां और नवग्रह होते हैं. इन 12 राशियों के अधिष्ठाता यही नवग्रह हैं. इन नवग्रहों में से राहु और केतु किसी राशि के स्वामी नहीं हैं.
Chant these Mantras according to Zodiac Sign: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुल 12 राशियां और नवग्रह होते हैं. इन 12 राशियों के अधिष्ठाता यही नवग्रह हैं. इन नवग्रहों में से राहु और केतु किसी राशि के स्वामी नहीं हैं. वहीं आपको बता दें कि शेष बचे 7 ग्रहों में सूर्य सिंह राशि के, चंद्रमा कर्क राशि के स्वामी हैं. जबकि अन्य 5 ग्रह के पास दो-दो राशियों का स्वामित्व है. इनमें से मंगल मेष और वृश्चिक, बुध मिथुन और कन्या राशि का, बृहस्पति धनु और मीन राशि के, शुक्र वृषभ और तुला राशि के जबकि शनि मकर और कुंभ राशि का स्वामित्व करते हैं.
ऐसे में हर राशि के देवी-देवता और मंत्र अलग-अलग हैं जिनके पूजा-पाठ और मंत्र जाप से वह चमत्कारिक फायदे उठा सकते हैं. ऐसे में अगर किसी भी राशि का जातक अपनी राशि के अनुसार मंत्रोच्चार, जाप और पूजा करे तो उसे इसका विशेष लाभ मिलेगा और इसके साथ ही इन सभी राशि के जातकों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि उन्हें कौन से देवता की पूजा कब करनी चाहिए और उनसे संबद्ध मंत्रों का जाप कब किया जाना चाहिए.
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इससे पहले आपको तीन ऐसे मंत्र बताने जा रहे हैं, जिनका जाप हर किसी जातक के लिए फायदेमंद और चमत्कारिक फायदा देता है. आपको बता दें कि इसमें सबसे पहले महामृत्युंजय मंत्र आता है. अगर कोई आदमी मृत्यु की सैय्या पर भी हो और उसके जिंदा बचने की कोई उम्मीद ना हो तो इस मंत्र का जाप अकाल मृत्यु को भी टाल सकता है. ऐसे में महामृत्युंजय मंत्र इस प्रकार है.
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्॥ उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
वहीं कोई व्यक्ति जब संकटकाल में हो और नीचे के मंत्र को दोहराए तो व्यक्ति को आकस्मिक संकट से मुक्ति मिल जाती है.
ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने॥ प्रणत: क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नम:॥
इसके साथ ही भगवान शिव के इस आलौकिक मंत्र को कोई विपरित परिस्थिति या घोर संकट के काल में पूरी शास्त्रीय पद्धति से जाप करे तो उसके सामने आया संकट भी उसे छोड़कर चला जाता है और उसकी हमेशा रक्षा होती है.
अघोरेभ्यो अथ घोरेभ्यो घोरघोरतरेभ्यः॥ सर्वेभ्यः सर्वशर्वेभ्यो नमस्तेस्तु रुद्ररूपेभ्यः॥
वहीं राशि के अनुसार कौन सा मंत्र जाप करना चाहिए जानें
मेष राशि: उन्हें ‘ॐ हनुमते नम:’ का जाप करने के साथ भगवान महावीर की पूजा करनी चाहिए.
वृषभ राशि: इस राशि के जातक मां दुर्गा की आराधना करें और ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाये विच्चै’ का जाप करें.
मिथुन राशि: इस राशि के जातक को गणपति जी की पूजा करनी चाहिए और ‘ॐ गं गणपतये नम:’ का जाप करना चाहिए.
कर्क राशि: कर्क राशि के जातकों को शिव की पूजा और ‘ॐ नम: शिवाय’ मंत्र का जाप अत्यधिक फल प्रदान करता है.
सिंह राशि: सिंह राशि के जातकों को सूर्य की उपासना करने के साथ ‘ॐ सूर्याय नम:’ मंत्र का जाप करना चाहिए.
कन्या राशि: इस राशि के जातक को भी विघ्नहर्ता गणेश की पूजा करने के साथ ‘श्री गणेशाय नम:’ मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए.
तुला राशि: तुला राशि के जातक मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने के साथ ‘ॐ महालक्ष्म्यै नमः’ मंत्र का जाप करें.
वृश्चिक राशि: बजरंग बली की पूजा इस राशि के जातक को करना चाहिए और ‘ॐ रामदूताय नम:’ मंत्र का जाप करना चाहिए.
धनु राशि: इस राशि के जातक को भगवान श्री हरि नारायण विष्णु की पूजा करने के साथ ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करना चाहिए.
मकर राशि: मकर राशि के जातक भगवान शिव, बजरंगबली और शनिदेव की पूजा करें और ‘ॐ शं शनैश्चराय नम:’ मंत्र का जाप करें.
कुंभ राशि: कुंभ राशि के जातकों को बजरंगबली की पूजा करने के साथ ही सुंदरकांड का नियमित पाठ करना चाहिए.
मीन राशि: मीन राशि के जातकों के लिए भी भगवान विष्णु की पूजा लाभदायी है और उन्हें ‘ॐ नमो नारायण’ का जाप करना चाहिए.