पटना : Bihar Liquor Ban: बिहार में शराबबंदी कानून के लागू होने के बाद से ही जहरीली शराब से लोगों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है. बिहार में जहरीली शराब से मौत के मामले में लगातार इजाफा हो रहा है. प्रशासन की तमाम कोशिशों के बाद भी राज्य में शराब माफियाओं की सक्रियता में कमी नहीं आई है. आपको बता दें कि पिछले दिन छपरा और सीवान में जहरीली शराब से मरनेवालों की संख्या इतनी बड़ी थी कि इसने सरकार के शराबबंदी के फैसले पर ही सवाल खड़ा कर दिया. 


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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन मौत के बाद भी सदन में कहते रहे कि जो पिएगा वह मरेगा. इस कानून को किसी भी हाल में वापस नहीं लिया जाएगा. शराब पीने और शराब की तस्करी को लेकर बड़ी संख्या में बिहार के जेलों में लोग बंद हैं. इस सब के बीच बिहार में शराब से मौत के जो आंकड़े जारी हुए हैं उसे देखकर आपके होश उड़ जाएंगे. 


साल 2016 के अप्रैल महीने में बिहार में शराबबंदी लागू हुई थी और इसी साल अगस्त के महीने में गोपालगंज के खजुरबानी में जहरीली शराब से 19 लोगों की मौत हो गई थी. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकडे को देखें तो इस हादसे में सिर्फ 6 मौतें ही दिखाई गई है. इससे भी चौंकानेवाला आंकड़ा तो तब सामने आया जब NCRB के साल 2016 से 2021 के बीच के आंकड़े पर आप गौर करेंगे इसमें जहरीली शराब से इन 5 सालों में कुल 23 मौतें ही दिखाई गई हैं. इस डाया की मानें तो साल 2016 में 6, 2017 में जीरो, 2018 में शून्य, 2019 में 9, 2020 में 6 और 2021 में दो मौतें दिखाई गई हैं. 


जबकि मीडिया में आई खबरों की मानें तो अब तक बिहार में जहरीली शराब से मौत की 20 से ज्यादा त्रासदी प्रदेश ने झेली है और इसमें 200 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. 2021 में ही केवल जहरीली शराब से मौत के 9 मामले सामने आए और इसमें 100 से ज्यादा लोगों की जान चली गई. 


इधर इन आंकड़ों के चौंकानेवाले नंबर और उधर जदयू की तरफ से इस बात की तैयारी की जा रही है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शराब के खिलाफ प्रदेश भर में लोगों को जागरूक करने के लिए यात्रा करेंगे.


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