`विकास` नहीं `जात` के नाम पर इस सीट पर पड़े हैं वोट, भरोसा ना हो तो आंकड़े देख लीजिए
बिहार के डेहरी विधानसभा सीट पर हो रहे उप चुनाव के दौरान बीजेपी के उम्मीदवार सत्यनारायण यादव ने जीत हासिल कर ली है. अलकतरा घोटाले के मुख्य अभियुक्त और राजद के दिग्गज नेता इलियास हूसैन के सजायाफ्ता होने के कारण यह सीट रिक्त सीट से आरजेडी ने उनके बेटे फिरोज हूसैन को टिकट दिया था.
नई दिल्ली: बिहार के डेहरी विधानसभा सीट पर हो रहे उप चुनाव के दौरान बीजेपी के उम्मीदवार सत्यनारायण यादव ने जीत हासिल कर ली है. अलकतरा घोटाले के मुख्य अभियुक्त और राजद के दिग्गज नेता इलियास हूसैन के सजायाफ्ता होने के कारण यह सीट रिक्त हो गई थी. उप-चुनाव के दौरान इस सीट से आरजेडी ने उनके बेटे फिरोज हूसैन को टिकट दिया था.
चुनाव आयोग के आंकड़ो के अनुसार, इस चुनाव में जहां विजेता उम्मीदवार सत्यनारायण सिंह को 71,845 मत मिले. वहीं, उनके निकटतम प्रतिद्वंदी मोहम्मद फिरोज हूसैन को 37,874 मत मिले. वहीं, तीसरे स्थान पर रहें राष्ट्र सेवा दल के प्रदीप कुमार जोशी को 14,594 मत मिला. बीजेपी उम्मीदवार ने 33,971 मतों से राजद उम्मीदवार को चुनाव में मात दी.
डेहरी विधानसभा क्षेत्र का लंबे समय तक भारत बंटवारे के प्रबल विरोधी रहे पसमांदा नेता अब्दूल क्यूम अंसारी ने प्रतिनिधित्व किया था. बिहार सरकार में मंत्री रहे क्यूम अंसारी कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में जाने जाते थे. इसके अलावा समाजवादी नेता बसावन सिंह भी एक बार यहां से विधायक चुने जा चुके हैं.
आम तौर पर इस विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले जनप्रतिनिधियों का चुनाव जातिगत बहुलता या संख्याबल के आधार पर नहीं हुआ. विधानसभा क्षेत्र के इतिहास में पहली बार संख्या बल में ज्यादा रहने वाले जाति से कोई जनप्रतिनिधि चुना गया है.
स्थानीय पत्रकार कृष्ण किसलय ने बातचीत में कहा कि इस बार के उप चुनाव में मतदान करते समय लोगों ने स्थानीय उम्मीदवार को प्राथमिकता देते हुए मतदान किया है. इस दौरान उनकी छवि को भी ध्यान में रखा गया. साथ ही मंडलवाद के आड़ में होने वाले जातिवाद को नकारते हुए जनता ने विकास को प्राथमिकता दी है.