रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बताया कि पांच मार्च को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरे देश में एक साथ प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना का शुभारंभ करेंगे. इस योजना के तहत देश के असंगठित कामगारों के लिए पेंशन की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के अंतर्गत राज्य के 92% श्रमिकों जो असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे हैं, उन्हें आच्छादित किया जाएगा. इस योजना का पूर्ण लाभ असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को दिलाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है.


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उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के सर्वांगीण विकास को देखते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस योजना को पूरे देश में लागू करने जा रहे हैं.


मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि असंगठित कर्मकार के लिए यह एक महत्वाकांक्षी पेंशन योजना है. इस योजना का लाभ वैसे असंगठित कर्मकार जिसकी मासिक आय 15000  रुपये से अधिक नहीं है और उम्र 18 से 40 वर्ष तक है उसे मिल सकेगा. इस पेंशन योजना का लाभ लेने के लिए लाभुक कर्मकारों को मासिक अंशदान के रूप में 55 रुपये से लेकर 200 रुपये तक मासिक किस्त जमा करनी होगी.


नियमित अंशदान करने और 60 वर्ष की आयु पूर्ण होने के पश्चात 3000 रुपये मासिक पेंशन कर्मकारों को मिलेगा. उन्होंने कहा कि पेंशन प्राप्त करने के दौरान मृत्यु होने पर उनके आश्रित परिवार पत्नी/पति को पेंशन का 50% राशि प्रतिमाह मिल सकेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के शुभारंभ के अवसर पर रांची जिला के नामकुम और गोड्डा में राज्यस्तरीय कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. इस योजना का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार कर असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को इस योजना से जोड़ना राज्य सरकार का लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि राज्य के सभी जिला मुख्यालयों, प्रखंड स्तर, नगर निकाय एवं ग्राम पंचायतों में कैंप लगाकर मजदूरों का रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा. रजिस्ट्रेशन कार्य तब तक चलेगा जब तक शत-प्रतिशत असंगठित श्रमिक इस योजना के दायरे में आएंगे.


मुख्यमंत्री  रघुवर दास ने कहा कि नियमित अंशदान करने और 60 वर्ष की आयु पूर्ण होने के पूर्व स्थाई रूप से निशक्त होने पर पति अथवा पत्नी नियमित अंशदान कर इस स्कीम में बने रह सकते हैं अथवा पेंशन निधि द्वारा उस पर वास्तव में अर्जित राशि या बचत बैंक ब्याज दर पर अर्जित राशि जो भी अधिक हो प्राप्त कर स्कीम छोड़ने की हकदार बन सकते हैं.


उन्होंने कहा कि योजना में सम्मिलित होने के 10 वर्ष की अवधि के भीतर छोड़ने पर उसके द्वारा किए गए जमा अंशदान के हिस्से की राशि बचत खाता से मिलने वाले ब्याज सहित भुगतान किया जाएगा. 10 वर्ष की अवधि से अधिक परंतु 60 वर्ष की आयु पूर्ण होने के पूर्व स्कीम छोड़ने पर पेंशन निधि द्वारा उस पर वास्तव में अर्जित राशि अथवा जमा राशि एवं उस रकम पर बचत खाता से मिलने वाले ब्याज सहित जो भी अधिक है उसका भुगतान किया जाएगा.