Patna: बिहार में इन दिनों सियासी दावत-ए-इफ्तार की भरमार है. पहले जदयू फिर नीतीश और अब राजद की तरफ से राबड़ी देवी के आवास पर इफ्तार की पार्टी रखी गई है. इस इफ्तार पार्टी का बड़ा बाजिव सियासी कारण भी है लेकिन राबड़ी देवी के आवास पर आयोजित होने वाले इफ्तार की पार्टी से पहले महागठबंधन के दल के नेता ही इसका विरोध करने लगे हैं. दरअसल इस इफ्तार को जहां एक तरफ असदुद्दीन ओवैसी की बिहार के राजनीति में एंट्री के बाद मुस्लिम वैट बैंक को इकट्ठा अपने पाले में रखने के तौर पर देखा जा रहा है वहीं महागठबंधन के दल कांग्रेस के मुस्लिम नेता ने इस इफ्तार पार्टी का बायकाट कर दिया है.


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बता दें कि इस इफ्तार पार्टी के दौर में जहां चिराग पासवान, भाजपा, उपेंद्र कुशवाहा और मुकेश सहनी पहले ही अपने आप को इससे अलग कर चुके हैं. वहीं अब कांग्रेस के नेता आजमी बारी ने भी इस इफ्तारी पार्टी का विरोध करते हुए कार्ड के ऊपर बायकाट लिखकर इसे सोशल मीडिया पर लगा दिया है. उन्होंने इसके साथ ही लिखा है कि ITTEHAD KA FAISLA.... अभी मुसलमानों के जख्म पर मरहम रखने की जरूरत जरूरत है ना के इफ्तार पार्टी की.....


बिहार के दो शहर जो दंगे की आग में अभी हाल ही में झुलसे हैं और अभी वहां दंगों की आग पूरी तरह से शांत भी नहीं हुई है ऐसे माहौल में सरकार के अंदर के नेताओं के द्वारा इस तरह से इफ्तार की पार्टी ने साफ कर दिया है कि इसका पूरा मकसद सियासी है. अब इसी का विरोध पार्टियों के द्वारा किया जा रहा है. हालांकि इस इफ्तार के विरोध करने वाली पार्टियों से NDA की तो रूपरेखा तय हो गई है लेकिन महागठबंधन को जो चीज सबसे ज्यादा सता रही है वह है असदुद्दीन ओवैसी का बिहार की राजनीति में धमाकेदार एंट्री. अभी जदयू और राजद साथ है तो ऐसे में महागठबंधन के पक्ष में पूरा मुस्लिम वोट बैंक शिफ्ट करने के लिए इस पार्टी के आयोजन के लिए माकूल समय माना जा रहा है.


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बिहार में 16 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हैं. अब ओवैसी की एंट्री से इसमें बिखराव का खतरा पैदा हो गया है. ऐसे में इन आयोजनों का असली मकसद सभी समझते हैं और इसी वजह से महागठबंधन दल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आजमी बारी ने दावत-ए-इफ्तार को लेकर ऐतराज जताया है. आजमी बारी ने इससे पहले नीतीश और जदयू दोनों की इफ्तार पार्टी से दूरी बना रखी थी. इसके साथ ही वह कहते हैं कि खानकाह और इमारत-ए-शरिया ने भी इस इफ्तार का विरोध किया है. उनका कहना है कि एक तरफ बिहारशरीफ और सासाराम में रोजेदार धारा 144 की वजह से रोजा सही से नहीं खोल पा रहे हैं और यहां पटना में सियासी इफ्तार की लाइन लगी है. सरकार का ध्यान वहां के रोजेदारों पर कहां है.