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Patna: बिहार की राजनीति में इफ्तार पार्टी का खासा महत्व रहा है. यहां इफ्तार पार्टी के साथ सत्ता का परिवर्तन भी देखा गया है. आपको बता दें कि इस बार जहां भाजपा और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी इन इफ्तार पार्टियों से दूरी बना रही है. वहीं जदयू के बाद नीतीश कुमार और अब राबड़ी देवी के आवास पर आज इफ्तार का आयोजन होना है.इसके लिए लगभग सभी पार्टी के नेताओं को निमंत्रण भेजा गया है. इसमें सबसे खास बात यह है कि इस पार्टी इस बार एक अलग ही चीज देखने को मिल रही है, इफ्तार पार्टी में 5 साल बाद पप्पू यादव राबड़ी देवी के निवास पर नजर आ सकते हैं.
इसलिए तो कहा जा रहा है कि बिहार में दावत-ए-इफ्तार सियासी आयोजन है. ऐसे में राबड़ी देवी के आवास पर होनेवाली इफ्तार का मेन्यू भी सामने आ गया है. यहां 10 हजार लोगों के लिए इफ्तार की व्यवस्था की व्यवस्था की गई है. जिसके लिए मेन्यू के हिसाब से फल, मिक्स वेज पकौड़ा से लेकर प्याज वाली घुघनी तक तैयार कराई गई है.
इस इफ्तार का आयोजन राबड़ी देवी के 10, सर्कुलर रोड स्थित बंगले पर किया जा रहा है. इसमें भाजपा के नेताओं को भी निमंत्रण भेजा गया है. साथ ही लोजपा (रामविलास) के चिराग पासवान को भी न्योता भेजा गया है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जीतन राम मांझी,अवध बिहारी चौधरी, देवेश चंद्र ठाकुर सहित कई नेता इस इफ्तार पार्टी में शामिल होंगे. इस इफ्तार में लालू नजर नहीं आएंगे क्योंकि वह स्वास्थ्य संबंधी कारणों से दिल्ली में हैं.
इससे पहले नीतीश कुमार ने एक अणे मार्ग पर इफ्तार की पार्टी दी थी और उसके एक दिन बाद जदयू ने हज हाउस में इसका आयोजन किया था. भाजपा इसका पूरजोर विरोध कर रही है. इसी कारण भाजपा के कोई भी नेता इस इफ्तार में शिरकत करने नहीं पहुंचे. इस इफ्तार पार्टी को लेकर अटकलें हैं कि इसमें चिराग पासवान शामिल हो सकते हैं इसके साथ ही लगभग 5 साल बाद राबड़ी के आवास पर पप्पू यादव भी पहुंच सकते हैं.
पप्पू यादव और लालू परिवार के बीच आई दूरियों के बाद शायद यह पहला मौका होगा कि पप्पू यादव राबड़ी आवास में नजर आएंगे. माना जा रहा है कि यह कदम महागठबंधन को मजबूत करने और लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ एकजुट होने के लिए भी उठाया जा रहा है.हालांकि राबड़ी आवास पर आयोजित इस इफ्तार पार्टी से राष्ट्रीय लोक जनता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा और विकासशील इंसान पार्टी के मुखिया मुकेश सहनी ने दूरी बना ली है. वहीं भाजपा ने पहले से ही इफ्तार पार्टी से दूरी बना रखी है. ऐसे में अगर चिराग इस पार्टी में शामिल होते हैं तो राजनीति एक अलग मोड़ लेगी क्योंकि चिराग नीतीश की इफ्तार में शामिल नहीं हुए थे और यहां भी उनका सामना नीतीश कुमार से हो जाएगा.