पटना: बिहार की राजधानी पटना में आखिर विपक्ष की बहुप्रतिक्षित बैठक खत्म हो गई. अब इसकी अगली बैठक शिमला में 12 जुलाई को होनी है. हालांकि बैठक में क्या कुछ हुआ इसको लेकर मीडिया के सामने आकर तमाम विपक्षी दलों के नेताओं ने अपनी बात भी रखी लेकिन सबसे चौंकाने वाला जो रहा वह यह कि इस बैठक के बाद मीडिया के सामने आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान नहीं दिखे और उन्होंने इस बैठक में कांग्रेस को लेकर कई सवाल खड़े किए. वहीं विपक्षी एकता की बैठक के बाद भाजपा नेताओं की तरफ से भी खूब सारी प्रतिक्रियाएं आई.  


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शिवहर में BJP के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने पटना में विपक्षी एकता की हो रही बैठक पर बड़ा बयान दिया है.  इन्होंने कहा है सभी लुटेरों की एक साथ बैठक हो रही है. अगर हिम्मत है तो PM कैंडिडेट घोषित करें साथ ही कहा कि 3-3 महीनों के लिए नीतीश कुमार, ममता बनर्जी , केजरीवाल और राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनना चाहते है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि चाय नाश्ता अच्छा हुआ गुलाब जामुन बिहार का अच्छा था, लिट्टी अच्छा था लालू यादव बताएं लिट्टी में कैसे सत्तू भरा जाता है. लालू यादव ने कहा कि राहुल गांधी शादी क्यों नहीं कर रहे हैं. यहीं चर्चा हुई है तो अच्छा है इस तरह की चर्चा तो विरोधी करते हैं तो इसमें दुख की क्या बात है. 


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वहीं पटना में हो रहे विपक्षी एकता की बैठक पर अश्वनी चौबे ने कटाक्ष करते हुए कहा कि बिहार में ठगों की बड़ी बरात आई है. जिसका सहबाला युवराज बने हुए हैं. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचारियों वंशवादियों और आतंकवादियों की ये बरात है. ठगों की बरात का दूल्हा कौन होगा यह किसी को पता नहीं है. बारात सज गई मंडप सज गया लेकिन दूल्हे का ही पता नहीं है कि इस बरात का दूल्हा कौन है. उन्होंने कहा कि बिहार से जेपी आंदोलन की शुरुआत हुई थी. 25 जून को कांग्रेस ने लोकतंत्र की हत्या की थी. कांग्रेस की गोद में बैठकर देश के लुटेरे देश को लूटने चले हैं. 


केंद्र के मोदी सरकार का 9 साल कार्यकाल पूरा होने के बाद भाजपा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शरीक होने बक्सर पहुंचे बिहार भाजपा प्रतिपक्ष नेता विजय सिन्हा ने राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा. राहुल गांधी द्वारा दिए गए बिहार का डीएनए ही कांग्रेस का है सवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि जिसका डीएनए पूर्ण भारतीय ना हो वह भारत का संस्कृति और विरासत ही नहीम समझ रहा हो. उन्होंने कहा कि बिहार लोकतंत्र की धरती है. बिहार से ही कांग्रेस मुक्त भारत का शुरुआत होगी. जेपी आवास से भाजपा ने संकल्प लिया है जो कांग्रेस को समाप्त कर देगा. इसके साथ ही विजय सिन्हा ने लालू प्रसाद और नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा उन्होंने कहा कि जेपी के जो दो नकली शिष्य हैं वह लोभ और भय से बिहार को कांग्रेसयुक्त बनाना चाहते हैं. वह कभी सपना साकार नहीं होगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस भ्रष्टाचारियों के साथ गलबहिया कर बिहार में सरकार बनाना चाहती है. उस सपने को बिहार की जनता कभी साकार नहीं होने देगी. 


वहीं बिहार बीजेपी के सीनियर लीडर सुशील मोदी ने विपक्ष की बैठक पर तंज कसा और जी मीडिया से कहा कि यह बैठक फ्लॉप बैठक रही जिसमें ना नेता के बारे में फैसला हुआ ना ही अजेंडा क्लियर हुआ बस अगली बैठक की तारीख तय कर दी. सुशील मोदी ने कहा कि बैठक से अरविन्द केजरीवाल नाराज हुए और उनका मुद्दा नहीं सुना गया और इसको लेकर आप पार्टी के लोग लगातार ट्वीट करते रहे. सुशील मोदी ने कहा कि इस बैठक में शामिल आरजेडी से लेकर कई दल ऐसे थे जिनका अभी लोकसभा में कोई सदस्य नहीं है और ये लोग बीजेपी से मुकाबला करने चले हैं. 


वहीं सूबे में विपक्ष के जुटान को लेकर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने केजरीवाल सहित नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कहा कि बाढ़ के दौरान सांप-नेवला-मेढ़क और इंसान कभी-कभी एक साथ है जाते हैं, उसी तरह विपक्ष एक साथ बैठक कर रहे हैं लेकिन यही एक दूसरे को निगल लेंगे. उन्होंने कहा कि नींबू के टुकड़े के रूप में केजरीवाल विपक्ष की बैठक में शामिल हुए हैं, केजरीवाल बैठक में शामिल दूध को फाड़ डालेंगे, इस बैठक में मछली और दूध एक साथ दिख रहा है. उन्होंने कहा कि ममता ने विपक्ष की इस एकजुटता की बैठक में कांग्रेस को ही चेतावनी दे दी है. 


वहीं बिहार की राजधानी पटना में हुई विपक्षी दलों की बैठक पर कटाक्ष करते हुए भारतीय जनता पार्टी झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि जब बैठक सिर्फ फोटो सेशन थी. यहां सबने लिट्टी चोखा खाया ख्याली पुलाव बनाया और फिर अपने-अपने रास्ते चले गए की तर्ज पर पॉलिटिकल पर्यटन करने आए थे. प्रदेश अध्यक्ष ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस समझ चुकी है कि अकेले भाजपा का मुकाबला नहीं किया जा सकता इसीलिए लाचार विवश कांग्रेस को बैसाखी की जरूरत है. वहीं उन्होंने कहा कि आज वाली बैठक अगर 25 जून को होती तो लोगों को 25 जून 1975 के उस काले दिन का स्मरण होता जब संविधान पर हमला किया गया था. 


प्रकाश ने कहा कि बैठक में भले ही सब लोग शामिल हुए थे लेकिन मामला शर्तों पर चल रहा है और ऐसी परिस्थितियों का निर्माण हो रहा है कि पूरे देश में राजनीतिक चिंता का अभाव है और इसमें सब का स्वार्थ उभरकर सामने आएगा. उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता भले ही मैथमेटिकल कैलकुलेशन लगा लें लेकिन जनता का नरेंद्र मोदी के साथ केमिस्ट्री सेट है और साल 2024 के चुनाव में इसका असर एक बार फिर दिखेगा. वहीं उन्होंने कहा कि कांग्रेस एंड कंपनी बीजेपी को रोकने की ताकत नहीं रखती और इनकी मेहनत बेकार जाएगी क्योंकि पीएम पद के लिए कोई वैकेंसी ही नहीं है. इधर दीपक प्रकाश ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के उस बैठक में शामिल होने पर भी निशाना साधा है.