पटना: राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) के अध्यक्ष और चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस की गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है. यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब चिराग पासवान ने एनडीए (NDA) की नीतियों पर सवाल उठाए थे. ऐसे में पारस की अमित शाह से मुलाकात को अहम माना जा रहा है. अब देखना है कि पीएम नरेंद्र मोदी के हनुमान क्या करेंगे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जानकारी के लिए बता दें कि पशुपति पारस जो पूर्व केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं उन्होंने अमित शाह से बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मुलाकात की है. इससे पहले पारस ने बीजेपी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल से भी मुलाकात की थी. इन मुलाकातों को लेकर चर्चा है कि बिहार विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बनाई जा रही है. वहीं, पशुपति पारस की नाराजगी को दूर करने की भी कोशिशें जारी हैं, खासकर लोकसभा चुनाव में सीट न मिलने के बाद से. इस मुलाकात को खास इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि हाल ही में चिराग पासवान की पार्टी LJP (R) ने वक्फ बोर्ड बिल, क्रीमी लेयर के लिए आरक्षण और UPSC लैटरल एंट्री जैसे मुद्दों पर सरकार से अलग रुख अपनाया था.


इसके अलावा बता दें कि पार्टी के अंदर इस मुलाकात को लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आई हैं. एलजेपी (आर) के प्रवक्ता राजेश सिंह का कहना है कि देश के गृह मंत्री अमित शाह से कोई भी नेता मिल सकता है, चाहे वह किसी भी पार्टी का हो. उन्होंने कहा कि इस मुलाकात को सकारात्मक रूप में देखा जाना चाहिए, क्योंकि एलजेपी (आर) एनडीए की मजबूत सहयोगी है और इस मामले में टिप्पणी करने की कोई जरूरत नहीं है. दूसरी तरफ राजद के मुख्य प्रवक्ता शक्ति यादव ने इस मुलाकात पर कहा कि यह चिराग पासवान के लिए चिंता का विषय हो सकता है. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने बिहार में कई संगठन खड़े किए हैं जो राजद और तेजस्वी यादव से मुकाबला करने के लिए तैयार हैं. शक्ति यादव का कहना है कि राजद का एजेंडा गांव, किसान, मजदूर और युवाओं का विकास है, जबकि कुछ लोग बीजेपी के इशारे पर काम कर रहे हैं.


इसके अलावा कांग्रेस के विधायक शकील अहमद खान ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि उन्हें अफसोस होता है कि एक समय राम और लक्ष्मण के रूप में देखे जाने वाले रामविलास पासवान के परिवार के बीच आज दरार आ गई है. शकील अहमद खान का मानना है कि स्थिति बहुत खराब है और इसे संभालने की जरूरत है. कुल मिलाकर पशुपति पारस और अमित शाह की मुलाकात ने बिहार की राजनीति में नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है, खासकर तब जब विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और एनडीए में अंदरूनी मतभेद उभर कर सामने आ रहे हैं. सभी की नजरें अब आने वाले दिनों में इन मुलाकातों के परिणामों पर टिकी हुई हैं.


ये भी पढ़िए- Aaj Ka Rashifal 27 August 2024: आज इन 4 राशियों पर बरसेगी भगवान हनुमान की कृपा, यहां देखें अपना राशिफल