Bihar News: बिहार के पूर्व सीएम स्व़र्गीय कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा पर गृह मंत्री अमित शाह ने बड़ा बयान दिया है. अमित शाह ने कहा, पीएम मोदी ने 22 जनवरी को रामकाज किया और 23 तारीख को गरीब काज करके राम और गरीब को जोड़ने का प्रयास किया. गृह मंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने न केवल जननायक कर्पूरी ठाकुर को सम्मानित किया है, बल्कि इस देश के 70 करोड़ गरीबों को सम्मानित करने का काम भी किया है. अमित शाह ने यह भी कहा कि पिछली सरकारों ने गरीबों के मसीहा कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न नहीं दिया. बताया जा रहा है कि कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का फैसला काफी सोच समझकर लिया गया है और भाजपा ने इस एक फैसले से कई सियासी निशाने भेद दिए हैं. 


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अमित शाह ने कहा, 22 जनवरी को पीएम मोदी ने 500 साल की राम भक्तों की तपस्या और इंतजार को पूरा कर दिखाया. अयोध्या में बने राम मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा की गई. दूसरी ओर, 23 जनवरी को हजारों, लाखों और करोड़ों पिछड़े, दलित, वंचित, गरीबों, आदिवासियों के मन की सालों की तमन्ना को पूरा किया. इनकी तमन्ना था कि उनके मसीहा को भारत रत्न मिले, मोदी जी ने उनकी आकांक्षाओं को भी पूरा करके दिखा दिया. 


भाजपा पर लग रहे आरोपों की धार को कुंद कर दिया


इससे पहले 23 जनवरी की शाम को मोदी सरकार की ओर से जानकारी दी गई कि बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा. इस घोषणा को मोदी सरकार का बड़ा मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है. कर्पूरी ठाकुर बिहार के ऐसे सीएम थे, जिन्होंने कभी चुनाव हारा ही नहीं था. हमेशा से पिछड़ों और अति पिछड़ों की आवाज के रूप में पहचाने गए कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा कर मोदी सरकार बिहार सरकार के जातीय जनगणना के बाद भाजपा पर लग रहे आरोपों की धार को कुंद कर दिया है. 


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मोदी सरकार के इस फैसले की आलोचना तो छोड़िए


मोदी सरकार के इस फैसले की आलोचना तो छोड़िए, विरोधियों की ओर से भी तारीफ की जा रही है. नीतीश कुमार ने तो एक ट्वीट डिलीट कर दूसरा ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने पीएम मोदी को धन्यवाद कहा. कुल मिलाकर जनता दल यूनाइटेड ने मोदी सरकार के इस फैसले की खुलकर तारीफ की है. वहीं लालू प्रसाद और कांग्रेस भी इस फैसले की आलोचना नहीं कर पा रहे हैं. राजद की ओर से तो कहा गया है कि लालू प्रसाद यादव ने यूपीए सरकार में मंत्री रहते कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने के पक्ष में आवाज बुलंद की थी.