Bihar Politics: आनंद मोहन ने लालू-तेजस्वी से लिया बेइज्जती का बदला, जानें कैसे बिगाड़ा पूरा गेम
Bihar Politics: तेजस्वी के अभेद्य किले में सेंधमारी करने में अहम भूमिका आनंद मोहन ने निभाई. आनंद मोहन ने अपने विधायक बेटे की मदद से राजद सुप्रीमो से अपने अपमान का बदला भी ले लिया. राजनीतिक गलियारों में अब चर्चा है कि तेजस्वी आवास पर चेतन अपना ही गेम खेलने में लगे हुए थे.
Bihar Politics: बिहार में सोमवार (12 फरवरी) को नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने बहुमत साबित करके दिखाया और विपक्ष की ओर से 'खेला होने' के सारे दावे हवा-हवाई हो गए. फ्लोर टेस्ट से पहले तेजस्वी खुद को बहुत बड़ा खिलाड़ी समझ रहे थे, लेकिन मतदान के वक्त उनकी गुल्लियां बिखर गईं. अपने आवास पर तेजस्वी जिन विधायकों को बल्लेबाजी की प्रैक्टिस करा रहे थे, विधानसभा में उन्हीं खिलाड़ियों ने मैच फिक्स कर दिया. सरकार ने तेजस्वी की नाक के नीचे से विधायक उड़ा दिए और उनकी सारी घेराबंदी धरी रह गई. फ्लोर टेस्ट के दौरान तेजस्वी की राजनीति और रणनीति दोनों फ्लॉप साबित हुई.
तेजस्वी के अभेद्य किले में सेंधमारी करने में अहम भूमिका आनंद मोहन ने निभाई. उठा-पटक की ये लड़ाई बस कुछ महीने पुरानी है. आपको याद होगा कि मनोज झा प्रकरण में लालू यादव ने कैसे आनंद मोहन का खूब अपमान किया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आनंद मोहन अपनी सफाई देने के लिए राबड़ी आवास भी पहुंचे थे लेकिन लालू और तेजस्वी ने उनके लिए गेट नहीं खुलवाए थे. आनंद को अपमान का घूंट पीकर वापस लौटना पड़ा था. अब आनंद मोहन ने अपने विधायक बेटे की मदद से राजद सुप्रीमो से अपने अपमान का बदला भी ले लिया. दरअसल, आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद राजद से विधायक हैं.
ये भी पढ़ें- बागी विधायकों का होगा पूरा 'इलाज'... JDU विधायक बीमा भारती से हुई शुरुआत, जानें कैसे
फ्लोर टेस्ट को लेकर उनको भी तेजस्वी आवास पर रोका गया था. तेजस्वी आवास पर उन्होंने दो दिनों तक खूब मजे किए. कभी क्रिकेट खेला तो कभी गाना गाया और जब फैसले की घड़ी आई तो उड़न-छू हो गए. चेतन के कारण ही रविवार (11 फरवरी) की आधी रात को अचानक से तेजस्वी आवास पर पुलिस पहुंची थी. दरअसल, चेतन के छोटे भाई ने पुलिस में अपने भाई के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज करा दी थी. इसी के चलते पुलिस तेजस्वी आवास पर पहुंची और आधी रात को चेतन को वहां से बाहर निकाला. वहां से निकलने के बाद ही साफ हो गया था कि वह पलटी मार सकते हैं. वोटिंग से ठीक पहले प्रह्लाद यादव और नीलम देवी भी टूट गए. राजनीतिक गलियारों में अब चर्चा है कि तेजस्वी आवास पर चेतन अपना ही गेम खेलने में लगे हुए थे.
ये भी पढ़ें- NDA सरकार ने सुबह साबित किया बहुमत रात को गरजा बुलडोजर, दरभंगा में हटाया अतिक्रमण
अब विधायक चेतन आनंद ने कहा कि हम अपनी मर्जी से तेजस्वी जी के यहां मीटिंग में गए थे, लेकिन हमें पता नहीं था कि वहां रुकना पड़ेगा. पुलिस दूसरी बार जब आई तब मुझे समझ में आया कि माजरा क्या है. उन्होंने कहा कि ठाकुर का कुआं वाला प्रकरण जब हुआ था तो पार्टी के छोटे-छोटे चाटुकार लोग हमारे बारे में अभद्र टिप्पणी करते थे. उन्होंने कहा कि मैं पैसे पर बिकने वाला नहीं हूं. भाई वीरेंद्र के आरोपों का जवाब देते हुए चेतन आनंद ने कहा कि वह हमारे बड़े हैं. हम का आदर करते हैं, लेकिन हमारे परिवार के बारे में अगर कोई कुछ बोलेगा तो छोड़ेंगे नहीं.