Anand Mohan News: बिहार के बाहुबली नेता आनंद मोहन की रिहाई का रास्ता साफ हो चुका है. जानकारी के मुताबिक, वह आज यानी गुरुवार (27 अप्रैल) की जेल से बाहर आ गए हैं. उन्हें सुबह 4 बजे ही जेल से रिहा कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि उनके समर्थकों भीड़ का अंदाजा लगाते हुए प्रशासन ने रात में ही कागजी कार्रवाई पूरी कर ली थी. जानकारी के मुताबिक, जेल से बाहर निकलने के बाद वे 15 से 20 किमी तक रोड शो करने की तैयारी चल रही है. उनके रोडशो में महागठबंधन के नेता भी शामिल हो सकते हैं. बता दें कि वह दलित आईएएस जी कृष्णैया हत्याकांड के मुख्य दोषी थे. उन्हें इस मामले में फांसी की सजा भी सुनाई गई थी, लेकिन बाद में ऊपरी अदालत ने आनंद मोहन की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था. 


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अभी तक का अपडेट


1. आनंद मोहन हाल ही में 15 दिन की पैरोल पर जेल से बाहर आए थे. वे अपने बेटे की सगाई में शामिल होने के लिए पैरोल पर बाहर आए थे. सगाई के दिन ही रिहाई पर मुहर लगी थी. 


2. 26 अप्रैल को आनंद मोहन की पैरोल की अवधि समाप्त हुई थी और उन्होंने शाम तकरीबन साढ़े चार बजे जेल में सरेंडर किया था. आज सुबह-सुबह ही उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया. 


3. आनंद मोहन को जेल से बाहर निकालने के लिए बिहार सरकार ने जेल नियमावली 2012 में संशोधन किया है. अब लोकसेवकों की हत्या भी साधारण हत्या मानी जाएगी.


4. आनंद मोहन की रिहाई को लेकर राजनीति शुरू हो चुकी है. मृतक का परिवार, IAS लॉबी के अलावा तमाम राजनीतिक दल भी विरोध कर रहे हैं. आईएएस एसोसिएशन ने कहा कि इस फैसले से लोक सेवकों का मनोबल गिरेगा.


5. बिहार सरकार की ओर से नियमों में बदलाव के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल की गई है. याचिका में कहा गया गया है कि यह कानून व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला फैसला है. इस फैसले से लोक सेवकों और आम जनता का मनोबल गिरता है. 


6. दिवंगत जी कृष्णैया की पत्नी उमा देवी ने रिहाई का विरोध किया है. उन्होंने इस मामले में केंद्र सरकार, राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप करने की मांग की है. उमा देवी ने कहा कि एक ईमानदार अफसर की हत्या करने वाले को छोड़ना कैसी न्याय व्यवस्था है?


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7. इस फैसले के खिलाफ उमा देवी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती हैं. उन्हें आईएएस एसोसिएशन ने भी मदद करने का आश्वासन दिया है. उधर आनंद मोहन के विधायक बेटे चेतन आनंद भी पीड़ित परिवार से मुलाकात करने वाले हैं.


8. एलजेपी (रामविलास) पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान और बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी इस फैसले की निंदा की है. उन्होंने नीतीश सरकार पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया है.


9. 1994 में डीएम हत्याकांड में वह जेल चले गए थे. 1996, 1998 का लोकसभा चुनाव उन्होंने जेल से ही लड़ा और शिवहर सीट से सांसद चुने गए. 2009 में पटना हाईकोर्ट ने उनके चुनाव लड़ने पर ही रोक लगाई थी.


10. जेल से रिहा होने के बाद भी आनंद मोहन हाल के कुछ वर्षों तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. हालांकि, उनके सक्रिय राजनीति में रहने की अटकलें जरूर है. आनंद मोहन की पत्नी लवली और बेटे चेतन अभी आरजेडी में हैं.