One Nation One Election पर मोदी सरकार का बड़ा फैसला सामने आ गया है. सरकार ने इस प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है और इसके साथ ही यह तय हो गया है कि इससे संबंधित विधेयक संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है. मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने के बाद इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. दरअसल, कोविंद समिति ने सरकार को सलाह दी है कि संविधान में अनुच्छेद 82ए जोड़ी जाए. अनुच्छेद 82ए ही लोकसभा के साथ राज्यों के विधानसभा चुनाव को एक साथ कराने का प्रावधान करता है. इस अनुच्छेद के संविधान में जोड़ने से सभी राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल 2029 में लोकसभा के कार्यकाल के साथ खत्म हो जाएगा. 


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इसका मतलब यह हुआ कि 2029 से पहले अगर संविधान में अनुच्छेद 82ए को जोड़ दिया जाता है तो सभी विधानसभाओं का कार्यकाल 2029 में लोकसभा के कार्यकाल के साथ ही खत्म हो जाएगा. मतलब यह कि अगर किसी राज्य में 2027 में भी अगर चुनाव होते हैं तो उसका कार्यकाल 2029 में स्वत: समाप्त हो सकता है. इस तरह अगर संविधान में अनुच्छेद 82ए जोड़ा गया है तो 2029 में पूरे देश में एक साथ चुनाव कराए जा सकते हैं. 


अब उदाहरण के लिए बिहार को लेते हैं. अभी के हिसाब से बिहार में अक्टूबर नवंबर 2025 में चुनाव संपन्न कराए जाने हैं. अगर तय समय पर चुनाव हो जाते हैं तो तो बिहार विधानसभा का कार्यकाल 2030 के अक्टूबर और नवंबर तक खत्म होंगे, लेकिन अगर संविधान में अनच्छेद 82ए जोड़ दिया जाता है तो 2029 में लोकसभा के साथ ही बिहार विधानसभा का कार्यकाल भी खत्म हो सकता है. 


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अगर ऐसा होता है तो बिहार की अगली विधानसभा के पास काम करने के लिए केवल 42 महीनों का समय रह जाएगा. इतने ही दिनों के लिए विधायकों का कार्यकाल भी होगा.


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