Jharkhand Politics: झारखंड के संथाल परगना में इन दिनों बदलती डेमोग्राफी और बांग्लादेशी घुसपैठ का जोर पकड़ रहा है. बीजेपी लगातार संथाल परगना प्रमंडल में हो रहे बांग्लादेशी घुसपैठ, लव और लैंड जिहाद और बदलती डेमोग्राफी के मुद्दा उठा रही है. इस मुद्दे पर आदिवासी समाज के लोग भी बीजेपी के साथ नजर आ रहे हैं. अब राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने भी इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है. आयोग की सदस्य डॉ. आशा लकड़ा दुमका परिसदन में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि संथाल परगना की रोटी, बेटी और माटी पर बांग्लादेशी घुसपैठिए हावी होते जा रहे हैं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि घुसपैठ से संथाल परगना जल रहा है और राज्य सरकार चुपचाप बैठी है. उन्होंने कहा कि आदिवासियों की जमीन खत्म हो रही है. 


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उन्होंने पाकुड़ जिले के महेशपुर की एक घटना का हवाला देते हुए कहा कि महेशपुर के गायबथान गांव में बांग्लादेशी घुसपैठियों ने एक आदिवासी परिवार की जमीन जबरन छीनने का प्रयास किया. बांग्लादेशी घुसपैठियों ने आदिवासी परिवार के दो बुजुर्गो को बुरी तरह पीटा, लेकिन इस मामले में पुलिस-प्रशासन की ओर से आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने कहा कि वो दुमका के फूलो झानो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में इलाजरत घायलों से मिली हैं और प्रभावित क्षेत्र का दौरा भी किया है. उन्होंने बताया कि मामले में कार्रवाई के लिए उन्होंने झारखंड के आईजी, डीआईजी और पाकुड़ जिले के एसपी से भी बात की थी, तब जाकर संबंधित थाने में FIR दर्ज हुई थी. उन्होंने कहा कि आयोग की एक टीम जल्द ही संथाल परगना का दौरा करेगी.


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बता दें कि बीजेपी लगातार संथाल परगना में डेमोग्राफी चेंज को लेकर मुखर है. बीजेपी 2011 की जनगणना के आधार पर यह मुद्दा उठा रही है. संथाल में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी पाकुड़ में बढ़ी है. पाकुड़ में मुस्लिम आबादी में करीब 40 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. साहिबगंज में मुस्लिम आबादी में 37 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. बीजेपी ने इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण बांग्लादेशी घुसपैठ को माना है. परगना के 6 जिलों में बांग्लादेशी घुसपैठियों को बसाने में यहां के जमीन दलालों की सबसे बड़ी भूमिका है. दलाल गिफ्ट डीड के जरिए बांग्लादेशियों को बसा रहे हैं.