Bhagalpur Bridge Collapse: बिहार के भागलपुर में रविवार (5 जून) को निर्माणाधीन पुल भरभराकर गिर गया. यह ब्रिज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट कहा जा रहा था. गंगा नदी पर बन रहा ये पुल सुलतानगंज और अगुवानी को जोड़ने का काम करता, इससे उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार के बीच कनेक्टिविटी बढ़ती. इस पुल के साथ ये हादसा पहली बार नहीं हुआ है. अभी तक ये पुल चार बार टूट चुका है, जिसके चलते लोग अब ये कह रहे हैं कि क्या इस पुल पर कभी कोई चल भी पाएगा. 


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वहीं ब्रिज गिरने पर अब राजनीति भी शुरू हो चुकी है. बीजेपी ने इस मामले में महागठबंधन की सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. वहीं डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के अनुसार पुल के डिजाइन में ही गलती थी. तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे विभागीय गलती बताते हुए जांच के आदेश दिए हैं. हालांकि, सीएम नीतीश ने जिस अधिकारी को जांच सौंपी है, उसपर उनके अपनों को ही भरोसा नहीं है. जेडीयू विधायक संजीव कुमार ने उस अधिकारी के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है. 


दरअसल, मुख्यमंत्री ने इस मामले की जांच पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत को सौंपी है. वहीं परबत्ता से जेडीयू विधायक संजीव कुमार को इससे आपत्ति है. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जिस व्यक्ति के मार्गदर्शन में यह हादसा हुआ है वैसे व्यक्ति को इस जांच के कार्य से दूर रखना चाहिए. जेडीयू विधायक ने कहा कि जिस तरह से यह पुल गिरा है वैसे यह पुल गिरता नहीं. उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर इसमें कोई स्ट्रक्चरल फॉल्ट होगा. पदाधिकारियों की मिली भगत होगी तभी यह हादसा हुआ है.


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उन्होंने कहा कि मैं पहले ही सदन के माध्यम से और निजी तौर पर मिलकर पदाधिकारियों को अवगत करा चुका हूं कि यह आशंका है कि ऐसी दुर्घटना घटेगी और वह घट गई. मुख्यमंत्री ने मामले में तुरंत एक्शन लिया और जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा कि प्रत्यय अमृत से मिलकर मैंने फोटो दिखाया था कि देखिये 10 और 11 नंबर पिलर पर क्रैक आया है. प्रत्यय अमृत ने इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया था. इसी का नतीजा है कि आज पुल गिर गया. इसके लिए विभाग के बाकी लोग भी इसके जिम्मेदार हैं.