Bihar Politics: क्या विधानसभा भंग करने की तैयारी कर रहे हैं CM नीतीश? जानें RJD विधायक के दावे में कितनी सच्चाई
Bihar News: राजद विधायक भाई वीरेंद्र का बयान ऐसे समय में आया है जब जदयू के तकरीबन 5 विधायक गायब बताए जा रहे हैं. दरअसल, जेडीयू की ओर से अपने विधायकों की एकजुटता का संदेश देने के लिए शनिवार (10 फरवरी) को मंत्री श्रवण कुमार के घर पर भोज का आयोजन किया गया था. इस भोज में जेडीयू के सभी विधायकों को पहुंचना था. लेकिन पार्टी के तकरीबन 5 विधायक भोज में नहीं पहुंचे थे.
Bihar News: बिहार में एनडीए सरकार के फ्लोर टेस्ट को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है. सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों ओर से 'खेला होने' के दावे किए जा रहे हैं. इसी बीच राजद विधायक भाई वीरेंद्र के एक बयान ने खलबली मचा दी है. भाई वीरेंद्र ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधानसभा भंग की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि नई सरकार के पास पर्याप्त संख्याबल नहीं है. इसी कारण से नीतीश कुमार अब विधानसभा ही भंग करने वाले हैं. उन्होंने कहा कि वह ऐसा नहीं होने देंगे. राजद विधायक ने कहा कि हम विधानसभा नहीं भंग करने देंगे, हमारे पास आंकड़े हैं. उन्होंने हम समय पर अपनी संख्या बताएंगे.
राजद विधायक के इस बयान से सियासी चढ़ गया है. राजद विधायक भाई वीरेंद्र का बयान ऐसे समय में आया है जब जदयू के तकरीबन 5 विधायक गायब बताए जा रहे हैं. दरअसल, जेडीयू की ओर से अपने विधायकों की एकजुटता का संदेश देने के लिए शनिवार (10 फरवरी) को मंत्री श्रवण कुमार के घर पर भोज का आयोजन किया गया था. इस भोज में जेडीयू के सभी विधायकों को पहुंचना था. लेकिन पार्टी के तकरीबन 5 विधायक भोज में नहीं पहुंचे थे. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, विधायकों के लापता होने की बात सुनकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काफी नाराज हुए थे और भोज को बीच में ही छोड़कर चले आए थे.
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जानकारी के मुताबिक, जेडीयू विधायक बीमा भारती, डॉक्टर संजीव, शालिनी मिश्रा, सुदर्शन और दिलीप राय नहीं पहुंचे थे. हालांकि, उनसे फोन पर बातचीत की गई. फोन पर सभी ने एकजुट होने की बात कही. भोज के बाद पार्टी की ओर से अपने विधायकों को 12 फरवरी को विधानसभा में मौजूद रहने का व्हिप जारी किया गया. उधर विपक्ष की ओर से लगातार 'खेला होने' की बात कही जा रही है. वैसे विधानसभा का अंकगणित इतना टाइट है कि थोड़ा सा हेरफेर बड़ा बदलाव ला सकता है. विपक्ष के पास 114 विधायक हैं. तो सत्तापक्ष ने 128 विधायकों का समर्थन पत्र दिया है.
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बता दें कि बिहार विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 122 का आंकड़ा होना आवश्यक है. एनडीए सरकार के पास अभी 128 विधायक हैं. इनमें से 4 विधायक जीतन राम मांझी की पार्टी 'हम' के हैं. मांझी को तोड़ने की कोशिश की जा रही है. मांझी भी 2 मंत्री पद को लेकर नाराज चल रहे हैं. अगर मांझी के 4 विधायक अलग हो जाते हैं, तो बीजेपी और जेडीयू के विधायकों की संख्या 124 बचेगी, जो बहुमत से सिर्फ 2 ही ज्यादा है. अगर जेडीयू के 5 लापता विधायक नहीं मिलते तो फिर सरकार गिर सकती है. ऐसी स्थिति में नीतीश कुमार विधानसभा भंग करने के बारे में भी सोच सकते हैं. हालांकि, बिना बहुमत के अगर मुख्यमंत्री विधानसभा भंग करता है तो विपक्ष कोर्ट जा सकता है.