Nitish Kumar Politics: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी 'प्रगति यात्रा' को बीच में छोड़कर आज (रविवार, 29 दिसंबर) एक बार फिर से दिल्ली जाने वाले हैं. कहने को तो मुख्यमंत्री का दिल्ली दौरा व्यक्तिगत है. यहां वे दिवंगत पूर्व पीएम डॉ मनमोहन सिंह के परिवार से मिलकर अपनी संवेदनाएं व्यक्त करेंगे और अपना रूटीन हेल्थ चेकअप करवाकर वापस लौट आएंगे. नीतीश कुमार का यह दौरा ऐसे समय हो रहा है जब बिहार की राजनीतिक हलचल तेज है. सियासी गलियारों में चर्चा है कि मुख्यमंत्री बीते कुछ दिनों से बीजेपी से नाराज चल रहे हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सियासी जानकारों के मुताबिक, बिहार में एनडीए के नेतृत्व को लेकर फैसला पहले हो चुका था, फिर शाह ने संसदीय बोर्ड में फैसला लेने का नया स्टैंड ले लिया है. सीएम पद को लेकर अमित शाह के बयान ने नीतीश कुमार को विचलित कर दिया है. शाह के बयान पर जेडीयू ने पलटवार करते हुए बिहार में कुछ पोस्टर लगाए थे. जिनमें लिखा था- 'जब बात बिहार की हो, नाम सिर्फ नीतीश कुमार का हो'. नीतीश कुमार ने एक ही तीर से सारे निशाने साध लिए हैं. उन्होंने एक ही स्लोगन में बीजेपी, राजद और अपनी ही पार्टी के नेताओं को क्लियर मैसेज दिया है.


ये भी पढ़ें- पीके ने BPSC छात्रों के लिए गांधी मैदान में आज बुलाई 'छात्र संसद', नहीं मिली अनुमति


बीजेपी नेताओं की बयानबाजी के बीच राजद से नीतीश कुमार को ऑफर मिल रहा है. लालू यादव के विश्वासपात्र भाई वीरेंद्र ने उन्हें महागठबंधन में शामिल होने का निमंत्रण दिया है. वहीं आंबेडकर विवाद पर अरविंद केजरीवाल ने भी उनको चिट्ठी लिखी है. जिसका उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया है. नीतीश कुमार की खामोशी सियासी पंडितों को बेचैन कर रही है. सियासी जानकारों के मुताबिक, नीतीश कुमार की चुप्पी हमेशा सियासत में भूचाल लाती है. उनका कहना है कि नीतीश कुमार बोलते रहते हैं तो सब कुछ नॉर्मल माना जाता है, लेकिन जब वे लंबे समय के लिए चुप हो जाते हैं तो वह टर्निंग प्वाइंट साबित होता है.


बिहार-झारखंड की नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहां पढ़ें Bihar-Jharkhand News in Hindi और पाएं Bihar-Jharkhand latest news in hindi हर पल की जानकारी. बिहार-झारखंड की हर खबर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार. जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!