पटना  : Bihar Congress: बिहार में एक तरफ महागठबंधन की सरकार बने 6 महीने का वक्त ही गुजरा है और सारे सियासी दलों के बीच मनमुटाव के संकेत साफ दिखने लगे हैं. बिहार में राजद और जदयू के बीच सब ठीक नहीं चल रहा है. वहीं कांग्रेस भी नीतीश कुमार से ज्यादा खुश नहीं दिख रही है. कांग्रेस की डिमांड थी कि नीतीश मंत्रीमंडल में उसे और जगह दी जाए लेकिन संख्या बल के आधार पर उसे मंत्रीमंडल में विभागों का वितरण नहीं हुआ. जिसकी वजह से कांग्रेस नाराज है. दूसरी तरफ नीतीश कुमार के पीएम पद के चेहरे के तौर पर भी कांग्रेस का समर्थन नहीं मिल रहा है. कांग्रेस इसके लिए सीधे राहुल गांधी को पीएम पद का चेहरा मान रही है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अब कांग्रेस के बीच भी सिर फुटव्वल आम हो गई है. प्रदेश कांग्रेस के नेता अपने नेताओं के खिलाफ तो हो ही गए हैं साथ ही पार्टी के खिलाफ भी हो गए हैं. आपको बता दें कि कांग्रेस के 5 नेताओं को पार्टी की तरफ से अनुशासनहीनता का नोटिस जारी किया गया है और उनसे इसपर जवाब भी मांगा गया है. जबकि पार्टी भारत जोड़ो यात्रा के बाद पार्टी के जनाधार की तलाश के साथ लोकसभा चुनाव के साथ ही पार्टी को मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से चर्चा के लिए बैठक करनेवाली है. यह बैठक 11 मार्च को होनेवाली है इसके ठीक पहले ही पार्टी में उथलपुथल मच गई है. 


पार्टी के अनुशासन समीति के अध्यक्ष के द्वारा पार्टी के 5 नेताओं को यह नोटिस थमाया गया है. दरअसल बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह के खिलाफ इंटरनेट पर ढेर सारे तथ्यहीन बातों के साथ ही अभद्र टिप्पणी करने के लिए यह नोटिस जारी किया गया है. इस पूरे मामले में अनुशासन समिति की तरफ से शकीलुर रहमान, प्रवीण शर्मा, प्रभात चंद्रवंशी, अरशद अब्बास, सिद्धार्थ क्षत्रिय के खिलाफ यह नोटिस जारी किया गया है. 


अनुशासन समिति की तरफ से इन सारे नेताओं को एक सप्ताह के अंदर जवाब देने को कहा गया है. समिति की तरफ से कहा गया है कि एक सप्ताह के भीतर इन नेताओं ने इस नोटिस का जवाब नहीं दिया तो उन सब के खिलाफ अनुशासनात्म कार्रवाई की जाएगी. 


बता दें कि कांग्रेस के इन 5 नेताओं ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ इंटरनेट पर आपत्तिजनक पोस्ट की थी इसी को लेकर पार्टी की तरफ से यह कार्रवाई की  जा रही है. बिहार में पहले से ही खतरे में कांग्रेस पार्टी का वजूद है ऊपर से जिस तरह से पार्टी के नेताओं के बीच यह सब चल रहा है इससे साफ लगने लगा है कि पार्टी का जनाधार यहां मजबूत होना मुश्किल हीं है.  


ये भी पढ़ें- कौन हैं लालू के चहेते अबू दोजाना, जिनके ठिकानों पर ईडी ने लैंड फॉर जॉब घोटाला मामले में डाली रेड