Bihar Land Survey:  बिहार विशेष सर्वे का काम शुरू किया गया है.राज्य सरकार का कहना है कि जमीन को लेकर होने वाले विवाद और केस मुकदमे से इसके जरिए निजात पाने में सफलता मिलेगी साथ ही भूमि रिकॉर्ड डिजिटल हो पाएगा और सरकारी जमीन पर कब्जे से भी मुक्ति मिलेगी. सरकार की ओर से इस काम के लिए जुलाई 2025 तक का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसमें जमीन का मालिकाना हक यानि खतिहान और नक्शा बनाने का काम करके नए सिरे से इसे रिकॉर्ड में चढ़ाया जाएगा. इस काम के लिए बिहार की 22 हजार गांव में ग्राम सभा लगाया जा चुका है और ग्राम सभा लगाकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. गांव के मुखिया, वार्ड सदस्य और पंचायत समिति को बुलाकर विशेष सर्वे की जानकारी दी जा रही है.


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राजस्व कर्मचारी के पास सभी कागजात हैं और इस सर्वे को लेकर किसी तरह की चिंता किसी को करने की जरूरत नहीं है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री डॉ दिलीप जयसवाल ने बताया कि सर्वे में संयुक्त परिवार में किसी के बंटवारे का काम नहीं हुआ है, तो वंशावली के अनुसार परिवार के सादाशों की सहमति की बात मानी जाएगी, अगर कागजात उपलब्ध नहीं है तो इसके लिए पूरा समय दिया जाएगा. मंत्री ने आगे बताया कि अगर किसी को जमीन को लेकर आपत्ति है तो इसके लिए एक वर्ष में तीन मौका आपत्ति दर्ज करने के लिए दिया जायेगा. 3 महीने के अंतराल पर पहले बंदोबस्त पदाधिकारी के पास उसके बाद भूमि सुधार समाहर्ता के पास आपत्ति दर्ज कराई जा सकती है और तीसरी आपत्ति अपर समाहर्ता के पास दर्ज कराई जा सकती है इसके बाद भी यदि मामला नहीं सुलझता है तो राज्य सरकार स्पेशल टीम गठित करने की योजना बना रही है जहां स्पेशल हायरिंग करके मामला सुलझाया जाएगा जिससे कोर्ट में जाने की नौबत न आए. उन्होंने कहा कि जमीन के विवाद में सबसे ज्यादा समस्या आती है और गांव घर में लड़ाई झगड़ा का एक महत्वपूर्ण कारक जमीनी विवाद है. 


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बिहार के थाना में 60 फीसदी मामला जमीनी मामला को लेकर आता है जबकि 30 से 35 फीसदी कोर्ट में मामला जमीनी विवाद को लेकर ही है.इस सर्वे से इससे निजात मिलने में सहूलियत होगी. इस सर्वे को लेकर किसी को कोई शुल्क नहीं देना है. सिर्फ विभाग द्वारा दिए गए प्रपत्र को भरना है और सर्वे की टीम दिए गए जानकारी का मिलान करके उसे रिकॉर्ड में शामिल कर लेगी.इसकी प्रक्रिया को विभाग के सचिव जय सिंह ने बताया. उन्होंने कहा कि सर्वे के पूरा हो जाने पर खतिहान और नक्शा में बदलाव आगे से एक साथ हो पाएगा और जमीनी मामला सुलझाने में सहूलियत होगी. उन्होंने कहा कि इससे जमीन का विवाद लगभग खत्म हो जाएगा. विभाग के ओर से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है और सर्वेक्षणमे हर कोई शामिल हो, इसके लिए प्रेरित किया जा रहा है. किसी भी तरह की समस्या होने पर कोई अफवाह पर ध्यान न देकर विभाग के अधिकारी से संपर्क करने की सलाह भी दी जा रही है.


रिपोर्ट- रजनीश


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