Bihar Politics: एक बड़ी पुरानी कहावत है कि मंदिर बना नहीं और पुजारियों में लठमलट्ठ शुरू हो गई. ये कहावत इन दिनों बिहार बीजेपी पर चरित्रार्थ होती दिखाई दे रही है. दरअसल, बिहार में विधानसभा का चुनाव 2025 में होना है लेकिन बीजेपी में अभी से सीएम पद को लेकर खींचतान देखने को मिल रही है. अब सारण से बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी ने खुद को इस रेस में शामिल कर लिया है. बता दें कि बिहार में अभी महागठबंधन की सरकार चल रही है और 2025 से पहले बदलाव के आसार भी नजर नहीं आ रहे हैं. 


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रूडी ने हाल ही में एक कार्यक्रम कहा कि पिछले 25 वर्षों से केंद्र की राजनीति में रहा. बिहार की राजनीति में रुचि नहीं रखता था लेकिन अब 365 दिन 24 घंटा बिहार के राजनीति में लगाऊंगा और गरीबों का आवाज बनगा और बिहार का नक्शा बदल दूंगा. उन्होंने कहा कि मैं ऐसे ही 25 वर्षों से सांसद नहीं हूं और मैं वैसे ही वकालत नहीं करता हूं और हवाई जहाज नहीं उड़ाता. इतना ही नहीं उन्होंने दावा किया कि आगामी सरकार में उनकी अहम भूमिका है.


पूर्व केंद्रीय मंत्री के इस बयान से भगवा खेमे की राजनीति में नया उबाल आ गया है. इससे पहले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी सीएम पद पर अपनी दावेदारी ठोंक चुके हैं. हालांकि, केंद्रीय नेतृत्व से उनकी जगह नित्यानंद राय को ज्यादा तवज्जो देने पर गिरिराज ने प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी का नाम आगे बढ़ा दिया. गिरिराज ने सम्राट चौधरी को मुख्यमंत्री पद के लिए प्रोजेक्ट करते हुए उनकी तुलना सीएम योगी से कर दी. 


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वहीं पूर्व डिप्टी सीएम एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल भी सीएम बनने का ख्वाब सजाए हुए हैं.  सुशील मोदी के नाम का समर्थन पूर्व डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद कर चुके हैं. जबकि पार्टी प्रवक्ता राम सागर को नित्यानंद राय ज्यादा काबिल नजर आते हैं. उनका कहना है कि नित्यानंद राय के नेतृत्व में लोकसभा चुनाव में एनडीए ने बिहार में 39 सीटें जीतीं. क्या इसके बावजूद नित्यानंद राय में काबिलियत नहीं दिखती? प्रदेश नेतृ्त्व का फोकस सीएम की कुर्सी पर है, जबकि देश में फिलहाल अभी रस्साकशी पीएम की कुर्सी को लेकर चल रही है.