पटनाः बिहार में आरक्षण का दायरा 75 फीसदी पहुंच गया है. नीतीश तेजस्वी कैबिनेट की जोड़ी ने बिहार आरक्षण बिल 2023 पर मुहर लगा दी है. नीतीश कैबिनेट से पास बिल की तस्वीर कुछ इस तरह होगी. ओबीसी को 18 फीसदी, EBC को 25 फीसदी, SC को 20 फीसदी, एसटी को 2 फीसदी का आरक्षण मिलेगा. इसके अलावा आर्थिक रूप से पिछड़े यानि EWS वर्ग को 10 प्रतिशत का आरक्षण जोड़कर बिहार में कुल मिलाकर आरक्षण 75 परसेंट होगा. 


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9 नवंबर को सदन के पटल से पारित कराया जाएगा. इसके अलावे कैबिनेट ने सतत जीविकोपार्जन योजना राशि में इजाफे पर मंजूरी दी है। वहीं इसको लेकर अलग-अलग राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया आई है. 


'नीतीश कुमार लोगों को साजिश में फंसाना चाहते हैं'
बीजेपी विधायक पवन जायसवाल ने कहा कि बीजेपी इससे सहमत है कि जिसकी जितनी आबादी है. उसकी उतनी भागीदारी हो, हम लोग तो चाहते ही थे हमारा डिमांड था. नीतीश कुमार तो बाद में इस चीज को लागू कर रहे हैं. जब हम लोग सरकार में थे हमारी मंशा थी लेकिन नीतीश कुमार नहीं करना चाहते थे. नीतीश कुमार की मंशा करने की नहीं है लेकिन ऐसा करके लोगों को अपनी साजिश में फंसाना चाहते हैं.


जेडीयू एमएलसी नीरज कुमार का बयान 
वहीं जेडीयू एमएलसी नीरज कुमार ने कहा कि जाति गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद जो संख्या बल के आधार पर आरक्षण की सीमा बढ़ाई गई और गरीब लोगों के लिए कार्य योजना भी बनाई गई. 5 वर्ष का अगर केंद्र सरकार इसमें सहयोग करें तो और उसकी समय सीमा कम हो जायेगी.


'बिहार में 75 परसेंट आरक्षण का प्रस्ताव हुआ'
वहीं आरजेडी विधायक विजय मंडल ने कहा कि ऐतिहासिक फैसला है, हमारे पुरखा डॉक्टर राम मनोहर लोहिया, बीपी सिंह, बाबा साहब अंबेडकर जैसे महान शख्सियतों की आत्मा को आज शांति मिली होगी कि बिहार में 75 परसेंट आरक्षण का प्रस्ताव हुआ है. ये ऐतिहासिक है.


'ये स्वागत योग्य कदम'
वहीं कांग्रेस विधायक प्रतिमा कुमारी ने कहा कि ये स्वागत योग्य कदम है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वो सब काम करते है जो दूसरे राज्य के लोग नेता और सरकार सोचती है. जैसे हम लोग 85 और 15 फीसदी की बात करते है. उस हिसाब से देखा जाए तो कम ही है.


इनपुट- निषेद कुमार


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