पटना:Bihar Politics: बिहार विधानसभा शीतकालीन सत्र से पहले सियासी बयानबाजी का दौर लगातार जारी है. इसी बीच बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि राज्य सरकार शीतकालीन सत्र के इसी सेशन में अतिपिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट सदन पटल पर रखे. नगर निकाय चुनाव में आरक्षण देने के लिए बिहार सरकार ने डेडिकेटेड अतिपिछड़ा आयोग का गठन किया था उसकी रिपोर्ट जारी नहीं की गयी. राज्य सरकार इस रिपोर्ट को सदन में रखे.


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राजद विधायक रणविजय साहू ने कहा कि बीजेपी के तमाम नेताओं ने पिछड़ा, अति पिछड़ा, अल्पसंख्यको और गरीबों को हमेशा अहित करने का काम किया है. बिहार में जाति जनगणना का किसी ने विरोध कराया और विरोध करने का काम किया तो बीजेपी ने किया. इस बार का जो सत्र है उसमें उम्मीद है कि सीएम नीतीश कुमार द्वारा रचनात्मक चर्चा होगी. पिछड़ा अति पिछड़ों गरीबों के लिए जो जनगणना हुआ उसको निश्चित रूप से भागीदारी मिलेगा.


वहीं जेडीयू ने कहा कि बीजेपी को सबसे पहले यह बताना चाहिए उन्होंने आरक्षण का विरोध क्यों किया. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट जाकर क्यों कोशिश की. नीतीश कुमार आरक्षण दे रहे थे नगर निकाय चुनाव में उसको रद्द किया जाए और कई बार बीजेपी ने स्टे लगाने की कोशिश की. बीजेपी आज पिछड़ा और अति पिछड़ा की बात करके क्या मैसेज देना चाह रही है. देश के लोग और बिहार के लोग समझ रहे हैं कि आप आरक्षण विरोधी, संविधान विरोधी, अति पिछड़ा विरोधी, पिछड़ा विरोधी और दलित विरोधी है. वहीं कांग्रेस नेता ने कहा कि सदन की कार्रवाई क्या चलेगी सभी जानते हैं. बीजेपी को पेट में दर्द क्यों हो रहा है. वह जानते हैं की जनगणना के खिलाफ क्यों है. महागठबंधन की सरकार हर प्रश्न का जवाब देने के लिए तत्पर तैयार है जो 1 घंटे का प्रश्न उत्तर कालीन होता है उसके लिए हम लोग तैयार हैं.


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