पटना:Bihar Politics: पटना हाईकोर्ट ने जातीय गणना पर बिहार सरकार को बड़ी राहत दी है. जिसके बाद एक बार फिर से बिहार सरकार तेजी से जातीय गणना कराने में जुट गई है, लेकिन इसी बीच सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. जिसमें ये मांग की गई है की जातीय गणना पर पटना हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई जाए. लेकिन इसी याचिका को लेकर बिहार की राजनीति गर्मा गई है, बिहार की सत्ताधारी दल और विपक्ष आमने-सामने है.


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राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि जो हमारे विरोधी है वो लगातार इस प्रयास में है की जातीय गणना पर रोक लगाई जाए, वो तरह तरह के हरकंडे अपना रहे हैं. बीजेपी अड़ंगा अपना रही है,.पटना हाईकोर्ट ने जो फैसला दिया है वो जातीय गणना का कार्य पूरा कराने की अनुमति दे दी है, हाईकोर्ट का फैसला नीतीश तेजस्वी सरकार के पक्ष में आया तो सुप्रीम कोर्ट में भी बिहार सरकार अपना पक्ष रखेगी, सुप्रीम कोर्ट से भी न्याय मिलेगा. वहीं जेडीयू प्रवक्ता अंजुम आरा ने कहा कि बीजेपी बिहाइंड द कर्टन यूथ फॉर इक्वालिटी नमक संस्था के माध्यम से वो इस ऑर्डर को चुनौती देगी. क्योंकि बीजेपी और इसके नेता केंद्र में बैठे हुए मोदी सरकार ये तमाम लोग अतिपिछड़ा मानसिकता विरोधी लोग है, दलित विरोधी लोग है.


वहीं बीजेपी विधायक जनक सिंह ने कहा कि महागठबंधन का यह षड्यंत्र है. हमको लग रहा कि हमें बदनाम करने के लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में स्वयं किसी ना किसी माध्यम से याचिका दाखिल कराया है. जातीय गणना जो हो रहा है इस पर हम लोगों ने सहयोग किया था. हमारी पार्टी के लोग ने भी सहयोग किया था. जिस तरह हाईकोर्ट के फैसले के बाद जाति आधारित गणना की शुरुआत एक बार फिर से शुरू हुई है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के याचिका पर चर्चा कल होगी, अब देखना होगा की याचिका पर सुनवाई होती है या खारिज होती है.


इनपुट- शिवम कुमार


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