पटना: पूर्व टीएमसी नेता और बिहार के सीएम नीतीश कुमार के सलाहकार रहे पवन वर्मा जेडीयू में वापसी कर सकते हैं. इसको लेकर कयासों का बाजार गर्म है. इस बीच, पवन वर्मा ने सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात की. दोनों की मुलाकात के बाद अब इसके कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं.


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नीतीश कुमार से मिले पवन वर्मा
हालांकि, पवन वर्मा ने सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात को औपचारिक बताया है. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के द्वारा सभी विपक्षी दलों को एकसाथ लाने की पहल को सराहा है.


पीके और वर्मा की हुई मुलाकात
इसके अलावा पवन वर्मा ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) से भी मुलाकात की. वर्मा की नीतीश और 'पीके' से मुलाकात को कई मायने में महत्वपूर्ण माना जा रहा है. दरअसल, कभी पवन वर्मा और प्रशांत किशोर सीएम नीतीश कुमार के सबसे करीबी लोगों में शुमार थे. लेकिन 2020 में दोनों को पार्टी से निकाल दिया गया था.


टीएससी से पवन वर्मा ने दिया इस्तीफा
इसके बाद पवन वर्मा टीएमसी में शामिल हो गए थे जहां पर उन्हें ममता बनर्जी ने पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया था. लेकिन अगस्त में वर्मा ने टीएमसी से इस्तीफा दे दिया था.


पवन वर्मा को मिला पीके को मनाने की जिम्मा! 
सूत्रों के अनुसार, बिहार में सत्ता परिवर्तन होने के बाद से नीतीश और पवन वर्मा में नजदीकियां बढ़ी हैं. इधर, पीके भी नीतीश पर खासे हमलावर हैं. माना जा रहा है कि बीजेपी के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने में लगे नीतीश, पीके को फिर से अपने साथ लाना चाहते हैं. ऐसे में नीतीश ने पीके को मनाने की जिम्मेदारी पवन वर्मा को दे दी है.


नीतीश को चाहिए पीके का साथ!
रिपोर्ट्स के अनुसार, नीतीश कुमार भले ही कह रहे हैं कि वो पीएम पद के उम्मीदवार नहीं है लेकिन अंदरखाने वो विपक्ष को एकजुट कर पीएम फेस पर सहमति बनाने का दबाव बनाना चाहते हैं और इसके लिए वो 'पीके' को फिर से अपने साथ लाने की कवायद कर रहे हैं. 


कई दलों के साथ पीके ने किया काम
सूत्रों की मानें तो, प्रशांत किशोर के ज्यादातर राजनीतिक दलों में अच्छे संबंध हैं. वो टीएमसी, आप, सपा, कांग्रेस, टीआरएस और डीएमके के साथ भी काम कर चुके हैं. ऐसे में अगर पीके फिर से जेडीयू में आ जाते हैं तो नीतीश की उम्मीदों को पंख लग सकता है.


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