Bihar Teacher Protest: बिहार में शिक्षक भर्ती के लिए नई डोमिसाइल नीति पर बवाल जारी है. सरकार की ओर से लागू किए गए नए नियमों के विरोध में शिक्षक अभ्यर्थी सड़कों पर उतर आए हैं. शिक्षक अभ्यर्थियों ने शनिवार (01 जुलाई) को पटना के सड़कों पर जमकर प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने जब राजभवन का घेराव करने की कोशिश की तो उन पर लाठीजार्च की गई. इस दौरान कई प्रदर्शनकारियों को चोटें आई थीं, जिस पर सियासत तेज हो गई है. बीजेपी सहित तमाम दलों ने इस कार्रवाई का विरोध किया है. वहीं अब महागठबंधन सरकार में शामिल दल भी बैकफुट पर आ चुके हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

 



लाठीचार्ज से नाराज होकर शिक्षक अभ्यर्थियों ने राजद कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया, जिससे अब राजद के तेवर ढीले पड़े हैं. राजद प्रवक्ता शक्ति यादव ने शिक्षक संगठनों के नेताओं से बात करने के संकेत दिए हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षक अभ्यर्थी हमारे ही बच्चे हैं. उनकी जो भी मांगे हैं उसमें जो विचार के लायक होगा उस पर विचार किया जाएगा. उनकी बात सुनी जाएगी. उनको अपनी बात आकर रखने का अधिकार है. उन्होंने कहा कि हम उनसे बातें करेंगे. हम सरकार के हिस्से के रूप में हैं. देश की हालत क्या है यह बताने की जरूरत नहीं है. इसके बाद भी हमने अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करना है.


ये भी पढ़ें- Bihar Politics: नीतीश कुमार का किसी भी कीमत पर एनडीए में एंट्री नहीं- नित्यानंद राय


राजद प्रवक्ता ने आगे कह कि हम लगातार प्रयास कर रहे हैं और संगठनों से भी बात करेंगे. यह सब हमारे लोग हैं. हम उनकी भावनाओं का आदर भी करते हैं. जरूरत पड़ने पर अन्य क्षेत्र में जो बहाली होगी, उस पर हम विचार करने के लिए सरकार से आग्रह करेंगे. भावनाओं का अनादर हम नहीं करते हैं. इस दौरान उन्होंने बीजेपी पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया. शिक्षक अभ्यर्थियों को बीजेपी गुमराह कर रही है. बीजेपी उनको नौकरी लायक नही छोड़ेगी. शिक्षक भर्ती नियमावली में कोई बदलाव नहीं हुआ. बीजेपी भ्रम फैलाकर शिक्षक अभ्यर्थियों को कन्फ्यूज कर दी है.


ये भी पढ़ें- तेजस्वी पर PK का जुबानी हमला, कहा- वह केवल जनता के मुद्दों की करते है अनदेखी


शक्ति यादव ने कहा कि बिहार में पहले भी दूसरे राज्यों के अभ्यर्थी आवेदन देकर शिक्षक बनते थे. हम लोग बिहार में दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को शिक्षक बनने का मौका इसलिए दे रहे हैं क्योंकि दूसरे राज्यों में भारी संख्या में बिहारी बच्चों नौकरी करते हैं. हम अगर दूसरे राज्यों के लोगों को नौकरी बिहार में नहीं देंगे तो दूसरे राज्य भी अपने राज्यों में बिहारी लोगों को नौकरी देना बंद कर देंगे. दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को बस इसलिए बिहार में शिक्षक बनने का मौका दिया जा रहा है.