Bihar Politics: बिहार में शिक्षक भर्ती के लिए नई डोमिसाइल नीति पर बवाल जारी है. सरकार की ओर से लागू किए गए नए नियमों के विरोध में शिक्षक अभ्यर्थी सड़कों पर उतर चुके हैं. शिक्षक अभ्यर्थियों ने शनिवार (01 जुलाई) को पटना के सड़कों पर जमकर प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने जब राजभवन का घेराव करने की कोशिश की तो उन पर लाठीजार्च की गई. इस दौरान कई प्रदर्शनकारियों को चोटें आई थीं, जिस पर सियासत तेज हो गई है. बीजेपी सहित तमाम दलों ने इस कार्रवाई का विरोध किया है. 


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शिक्षक अभ्यार्थियों के समर्थन में बीजेपी नेता 13 जुलाई को गांधी मैदान से विधानसभा तक मार्च करेंगे. इस मार्च में बीजेपी के सभी विधायक-विधान पार्षद शामिल रहेंगे. बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने इसकी घोषणा की. सम्राट चौधरी ने कहा कि 13 जुलाई को गांधी मैदान से विधानसभा तक बीजेपी मार्च करेगी. शिक्षक अभ्यर्थियों को हक दिलाकर रहेंगे. उन्होंने कहा कि 20 लाख रोजगार महागठबंधन सरकार दे, यह मांग करेंगे. साल भर होने जा रहा, लेकिन महागठबंधन सरकार यह वादा पूरा नहीं की.


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बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि एसटीईटी, सीटेट और टीईटी पास शिक्षक अभ्यर्थियों को बीपीएससी के जरिए परीक्षा लेकर नियुक्त न किया जाए. इनकी सीधी नियुक्ति होनी चाहिए. यह लोग पहले ही परीक्षा पास कर चुके हैं. वहीं नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि शिक्षकों का अपमान किया जा रहा है. शिक्षा मंत्री बिहार का अपमान वह कर रहे हैं. शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो रही. शिक्षक भर्ती नियमावली में संशोधन पर संसोधन हो रहा ताकि बहाली फंसाया जा सके. उधर जीतन राम मांझी के बेटे और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (से.) के अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री संतोष सुमन ने कहा कि उनकी पार्टी शिक्षकों के साथ है और उनकी मांग का समर्थन करती है. उन्होंने कहा कि हम पार्टी डोमिसाइल नीति को लागू करने के पक्ष में है. सरकार ने प्रतिभाशाली बिहारी प्रतिभा वाले बच्चों पर टिप्पणी कर प्रतिभा का अपमान किया है.


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वहीं विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के प्रमुख और पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने प्रदर्शनकारी शिक्षकों पर हुए पुलिस लाठीचार्ज की निंदा करते हुए कहा कि सरकार को शिक्षकों से बात करनी चाहिए, न कि लाठियां चलानी चाहिए. पटना में पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि ये शिक्षक ही बिहार का भविष्य तैयार करते हैं. ऐसे में कोई भी सरकार द्वारा शिक्षकों अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज को सही नहीं ठहराया जा सकता है. उन्होंने कहा कि यही शिक्षक बच्चों का भविष्य बनाते हैं. उन्होंने कहा कि वे 17-18 वर्षों से मुख्यमंत्री हैं, और अब तक शिक्षकों के दिलों में जगह नहीं बना सके हैं, यह उनको सोचना चाहिए.