Giriraj Singh News: लोकसभा चुनाव 2024 में अभी करीब 9-10 महीने का समय बाकी है पर राजनीतिक दलों ने अपनी गोटी सेट करनी शुरू कर दी है. किन-किन नये चेहरों को चुनावी मैदान में उतारा जाएगा, किसका टिकट कटेगा, किस सीट पर दूसरे दलों से नेताओं को आयात किया जाएगा, कहां से किसे लड़ाना फायदे का सौदा होगा, इन सभी सवालों को लेकर गुणा-भाग शुरू हो गया है. बीजेपी को लेकर जो सबसे बड़ी खबर सामने आ रही है, उसकी मानें तो केंद्रीय मंत्री और भाजपा के फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह इस बार बेगूसराय के बदले किसी और सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. अब वह किस सीट से चुनाव लड़ेंगे, यह बड़ा सवाल है. 


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गिरिराज सिंह को लेकर कहा जा रहा है कि उन्हें मुंगेर या फिर नवादा से चुनाव लड़ाया जा सकता है. मुंगेर इसलिए, क्योंकि बीजेपी जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह का संसदीय क्षेत्र है और ललन सिंह मुंगेर सीट बिना एनडीए के कभी जीत नहीं पाए हैं. बीजेपी नहीं चाहती कि इस बार ललन सिंह किसी भी कीमत पर चुनाव जीत पाएं. खासतौर से नई संसद भवन के उद्घाटन को लेकर और पटना में विपक्षी दलों के महाजुटान के मौके पर ललन सिंह की बयानबाजी से बुरी तरह चिढ़ गई है. मुंगेर संसदीय सीट पर भूमिहार प्रभावी संख्या में हैं, जो बीजेपी के वोटर माने जाते हैं. इसके अलावा धानुक समाज के लोग वहां जनसंख्या में अधिक दखल रख्ते हैं तो हो सकता है कि किसी धानुक समाज के नेता को भी मुंगेर से उतारने की बात कही जा रही है. 


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देखना होगा कि बीजेपी गिरिराज सिंह पर दांव लगाती है या फिर धानुक समाज के किसी नेता पर बाजी लगाती है. कहा तो यह भी जा रहा है कि जेडीयू के एक वरिष्ठ नेता जो धानुक समाज से आते हैं, वे भाजपा नेताओं के संपर्क में हैं. मुंगेर के अलावा गिरिराज सिंह के नवादा सीट से भी चुनाव लड़ने की भी बात कही जा रही है. नवादा सीट से गिरिराज सिंह पहले भी सांसद रह चुंके हैं. 2014 में गिरिराज सिंह ने नवादा सीट से ही जीत हासिल की की थी और केंद्र में पहली बार मंत्री बने थे. 


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अगर ऐसा होता है तो राज्यसभा सांसद प्रो. राकेश कुमार सिन्हा को बेगुसराय से चुनाव लड़ाया जा सकता है. प्रो. सिन्हा को राज्यसभा में राष्ट्रपति की ओर से मनोनीत किया गया था, लेकिन इस बार अगर बेगूसराय सीट से गिरिराज सिंह को शिफ्ट किया जाता है तो वे भाजपा की ओर से प्रत्याशी हो सकते हैं. एक बात तो स्पष्ट है कि बेगूसराय से कोई भूमिहार समाज का व्यक्ति ही चुनाव लड़ने वाला है. पिछले चुनाव की बात करें तो बेगूसराय से गिरिराज सिंह को चुनाव मैदान में उतारा गया था लेकिन कांग्रेस की ओर से कन्हैया कुमार ने ताल ठोकी थी. राजद ने गठबंधन के तहत यह सीट वाम दलों को दे दी थी. हालांकि चुनाव में गिरिराज सिंह ने बाजी मार ली थी. पटना के राजनीतिक हलकों में आज भी कहा जाता है कि गिरिराज सिंह का मन बेगूसराय से चुनाव लड़ने का नहीं था लेकिन पार्टी का आदेश था तो उन्हें उसका पालन करना ही था.