बांग्लादेशी घुसपैठियों को वोट बैंक के लिए राजनीतिक संरक्षण दे रही राज्य सरकार- भाजपा
झारखंड के पांच जिलों में बांग्लादेशियों की घुसपैठ के मुद्दे पर जहां एक तरफ राज्य सरकार और केंद्र सरकार से रांची हाईकोर्ट ने जवाब मांगा है वहीं दूसरी तरफ अब भाजपा हेमंत सरकार पर इस मामले को लेकर सवाल उठा रही है. बता दें कि इसको लेकर एक बार फिर से प्रदेश में सियासी बवाल शुरू हो गया है.
रांची: झारखंड के पांच जिलों में बांग्लादेशियों की घुसपैठ के मुद्दे पर जहां एक तरफ राज्य सरकार और केंद्र सरकार से रांची हाईकोर्ट ने जवाब मांगा है वहीं दूसरी तरफ अब भाजपा हेमंत सरकार पर इस मामले को लेकर सवाल उठा रही है. बता दें कि इसको लेकर एक बार फिर से प्रदेश में सियासी बवाल शुरू हो गया है. यह मामला इस बार एक जनहित याचिका के जरिए झारखंड के हाईकोर्ट में है. हाईकोर्ट ने बुधवार को इसपर सुनवाई करते हुए केंद्र और राज्य की सरकारों से जवाब मांगा है. दोनों सरकारों से कोर्ट ने पूछा है कि बांग्लादेशियों की घुसपैठ के बारे में उन्हें जानकारी है या नहीं?. अगर जानकारी है तो इसे रोकने के लिए क्या कार्रवाई की गई है.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने हाई कोर्ट द्वारा बंगलादेशी घुसपैठियों के मामले पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार से पूछे गए सवाल पर कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठियों को राज्य सरकार का राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है. घुसपैठियों द्वारा इलाके का डेमोग्राफी चेंज करने की कोशिश की जा रही है. भाजपा पहले से कहती आ रही है कि राज्य सरकार घुसपैठियों को संरक्षण देती है राजनीतिक उपयोग करती है और ऐसा वह वोट बैंक बनाने के लिए करती है.
दीपक प्रकाश ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि शुक्रवार 19 मई को मुख्यमंत्री द्वारा 3500 ग्रेजुएट शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया जाएगा. इन नियुक्तियों का विज्ञापन 2016 में जब राज्य में भाजपा की सरकार थी ,उस वक्त आया था. उस वक्त 17 हज़ार शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया का विज्ञापन निकाला गया था. 2017 में इसकी परीक्षा भी हुई थी लेकिन कुछ लोग इस विषय को लेकर हाईकोर्ट चले गए थे.
2019 में जेएमएम की सरकार आई तो उनके वकील के द्वारा एफिडेविट डालकर शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में रोकने का काम किया गया था. छात्र जब इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट गए तो वहां से छात्रों को न्याय मिला. उन्होंने कहा कि विज्ञापन भाजपा की सरकार में निकाला गया था एग्जामिनेशन भाजपा सरकार में हुआ हेमंत सोरेन की सरकार में जलेबी की तरह मामले को घुमाया गया. अब नियुक्ति हो रही है तो श्रेय लेने का काम इनकी सरकार कर रही है. ऐसे में जनता सरकर से सवाल कर रही है किस नियोजन नीति कि तहत इनकी नियुक्तियां सरकार कर रही है. कल मंच से यह स्पष्ट करना होगा क्या रघुवर सरकार की नियोजन नीति के तहत नौकरी दे दिया जा रहा है या फिर कोई नई नियोजन नीति के तहत. हेमंत सोरेन की सरकार पिछले सरकार के कामों का श्रेय लेने का काम कर रही है.
वहीं रांची में लगातार हो रहे बिजली कटौती को लेकर दीपक प्रकाश ने कहा कि बिजली को खोजने के लिए जनता परेशान है. बिजली कब आ रही है कब चली जा रही है. पता नहीं चलता है. ऐसी जर्जर बिजली व्यवस्था किसी सरकार में नहीं थी. हेमंत सोरेन की सरकार में ऊर्जा विभाग अकर्मण्यता का शिकार है. इन मुद्दों को लेकर हम सड़क पर संघर्ष करेंगे ऊर्जा विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है लोगों को बिजली मिले इसकी चिंता सरकार को नहीं है.