पटना: बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और बिहार के पूर्व उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन का कहना है कि बिना औद्योगिक विकास के पलायन को रोकना बड़ी चुनौती है. उनके अनुसार बिहार में रहे पिछली सरकारों ने इस मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया और इसके लिए सख्ती से काम नहीं किया. हुसैन ने बताया कि उन्हें बिहार के उद्योग मंत्री के रूप में करीब दो वर्षों तक काम करने का मौका मिला था और उन्होंने इस दौरान कई योजनाएं शुरू की, लेकिन सरकार बदलने के बाद इन योजनाओं का कुछ नहीं हो सका.


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हाल ही में पटना में हुए इन्वेस्टर्स समिट पर उन्होंने कहा कि समिट तो बड़ा था, लेकिन उससे बिहार को उचित लाभ नहीं मिला. उन्होंने सरकार को उद्योग के क्षेत्र में कड़ी नीति बनाने की आवश्यकता है और उद्योगों को सहारा देने के लिए सही माहौल बनाना चाहिए. हुसैन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी इस समिट में भाग नहीं लेने और सार्वजनिक रूप से संबोधन नहीं करने पर तंज कसते हुए कहा कि इससे क्या संदेश जाएगा.


उनके अनुसार उद्योग और अपराध साथ-साथ नहीं चल सकता है. बिहार में इन्वेस्टर्स मीट के नाम पर लोगों को धूल झोंकने का काम किया गया है. उन्होंने उद्योगों की संख्या की चुनौती देते हुए बताया कि देश में लगे उद्योगों की संख्या बहुत अधिक है, जबकि बिहार में यह कम है. अगर प्रति कारखाने में पूंजी निवेश की बात की जाए तो देश में औसतन 15 करोड़ रुपए का निवेश हो रहा है, लेकिन बिहार में यह मात्र 4 करोड़ रुपए है.


बीजेपी नेता ने उद्योगों की संख्या में वृद्धि की आवश्यकता बताते हुए कहा कि बिना औद्योगिक विकास के बिहार में पलायन रोकना मुमकिन नहीं है और यह विकास से रोजगार के अवसरों को भी खोलेगा. उनके अनुसार बिहार को अब दृढ़तापूर्ण औद्योगिक विकास की दिशा में कदम बढ़ाने की आवश्यकता है. उन्होंने जेडीयू के संबंध में भी अपनी राय दी और कहा कि जेडीयू कभी अकेले सरकार नहीं बना पाई है और नीतीश कुमार की विश्वसनीयता में कमी हो रही है. बीजेपी का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है और लोकसभा चुनाव के आसपास जेडीयू में उत्थान की हलचल है.


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